New Delhi. भारत के युवा ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद (Rameshbabu Pragyananand) ने चेस में एक बड़ी जीत हासिल की है। दरअसल प्रज्ञानानंद, चेसेबल मास्टर्स के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय प्लेयर (Indian players) बन गए हैं। उन्होंने चेस के बड़े-बड़े खिलाड़ियों को मात दी है। चेसेबल मास्टर्स के फाइनल (finale) में पहुंचने के बाद अब उनकी टक्कर वर्ल्ड नंबर-2 चीन के डिंग लिरेन (Ding Liren) से होगी।
अनिश गिरि को दी टक्कर
12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल करने वाले आर प्रज्ञानानंद ने अपने से हाई रेटिंग वाले डच ग्रैंडमास्टर अनीश गिरि (Anish Giri) से सेमीफाइनल (Semi-finals) मुकाबले में जीत हासिल की। मुकाबले में टाई ब्रेकर में 3.5-2.5 से हराया।
वर्ल्ड चैंपियन कार्लसन को दी थी मात
आर प्रज्ञानानंद ने इस कॉम्पटिशन के 5वें दौर में वर्ल्ड चैंपियन मैगनस कार्लसन (Magnus Carlsen) को मात दी थी। ये दूसरी बार था जब प्रज्ञानानंद ने वर्ल्ड चैंपियन को हराया। इससे 90 दिन पहले फरवरी में उन्होंने एयरथिंग्स मास्टर्स में कार्लसन को पहली बार हराया था।
अन्य भारतीय भी हुए थे शामिल
इस कॉम्पटिशन में आर प्रज्ञानानंद के साथ भारत के दो प्लेयर शामिल थे। वे इस 16 प्लेयर के कॉम्पटिश में शुरआती 8 खिलाड़ियों में अपनी जगह नहीं बना पाए। इस वजह से वे नॉकआउट दौर में नहीं पहुंच सके। मेशबाबू प्रज्ञानानंद ने महज 12 साल, 10 महीने और 13 दिन की उम्र में ग्रैंडमास्टर टाइटल उपलब्ध किया है। ये खिताब हासिल करने वाले प्रज्ञानानंद भारत के सबसे कम उम्र के प्लेयर है।
चेन्नई के रहने वाले है प्रज्ञानानंद
प्रज्ञानानंद, चेन्नई (chennai) के रहने वाले हैं। उन्होंने सिर्फ तीन साल की उम्र में चेस खेलना शुरू कर दी थी। बताया जा रहा है कि प्रज्ञानानंद की बड़ी बहन वैशाली (Vaishali) को भी चेस खेलना बहुत पसंद है। बहन का चेस खेलते देख ही प्रज्ञानानंद ने चेस (chess) खेलना शुरू किया था।