अनुसूचित जाति (ST) को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी (Comment) करने के आरोप में टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार (Arrest) किया। हालांकि, उन्हें कुछ देर बाद अंतरिम जमानत (Interim Bail) पर रिहा भी कर दिया गया। युवराज सिंह ने पिछले साल लॉकडाउन (Lockdown) के समय इंस्टाग्राम पर क्रिकेटर रोहित शर्मा के साथ बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने युजवेंद्र चहल के लिए एक आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था। इसके बाद, युवी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया गया।युवराज की गिरफ्तारी मामले को पुलिस ने शुरुआत में छिपाकर रखा। उन्हें 16 अक्टूबर को ही हरियाणा की हांसी पुलिस ने गिरफ्तार कर जांच में शामिल किया था। 17 अक्टूबर देर रात उनकी गिरफ्तारी की जानकारी सामने आई। पुलिस ने युवराज को हिसार स्थित पुलिस विभाग के गजेटेड ऑफिसर मैस में बैठाकर पूछताछ की और मामले से जुड़े कुछ सवाल-जवाब किए। बाद में हाईकोर्ट के निर्देश पर युवराज को जमानत पर छोड़ दिया गया।
युवराज ने खेद जताया था
सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद युवराज ने बयान पर खेद जताया था। उन्होंने ट्विटर पर कहा था- मैं किसी भी तरह के भेदभाव में विश्वास नहीं रखता चाहे वह जाति, रंग, लिंग या मजहब का आधार पर हो। मैंने अपनी जिंदगी लोगों की भलाई के लिए लगाई है और आगे भी ऐसा ही करता रहूंगा। अपने दोस्तों के साथ बातचीत के दौरान मैंने जो कहा उसे गलत तरीके से समझा गया। अगर मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो उसके लिए माफी चाहता हूं।
शिकायतकर्ता का आरोप- पुलिस ने युवी को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया
वहीं, शिकायतकर्ता रजत कलसन ने युवराज सिंह को हरियाणा पुलिस द्वारा वीआईपी ट्रीटमेंट (VIP Treatment) देने के आरोप लगाए। रजत ने बताया कि हम लोगों ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के युवराज को अंतरिम जमानत दिए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जून 2020 में हांसी पुलिस को रजत कल्सन ने शिकायत दी थी, उसके बाद फरवरी 2021 में केस दर्ज हुआ था। हांसी पुलिस के पीआरओ सुभाष कुमार ने बताया कि युवराज सिंह की गिरफ्तारी 16 अक्टूबर को की गई थी। इसके बाद उन्हें तफ्तीश में शामिल करते हुए बयान भी दर्ज किए गए। डीएसपी विनोद शंकर ने युवराज सिंह से पूछताछ की है. पूछताछ में शामिल होने के बाद युवराज सिंह चंडीगढ़ चले गए।