कोर्ट में पेश चार्जशीट में नया खुलासा, दिल्ली पुलिस ने कहा- बृजभूषण ने महिला पहलवानों से छेड़छाड़ की, केस चलाया जाए और सजा मिले

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BP Shrivastava
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कोर्ट में पेश चार्जशीट में नया खुलासा, दिल्ली पुलिस ने कहा- बृजभूषण ने महिला पहलवानों से छेड़छाड़ की, केस चलाया जाए और सजा मिले

PANIPAT. यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब कोर्ट में दाखिल दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के कुछ चौंकाने वाले तत्थ सामने आए हैं। जिसमें कहा गया है कि 6 रेसलर्स की शिकायतों की अब तक की जांच के आधार पर बृजभूषण सिंह पर केस चलाया जा सकता है। पुलिस ने कहा कि यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने जैसे अपराधों के लिए बृजभूषण सिंह, केस चलाए जाने और सजा के हकदार हैं।





6 रेसलर्स ने की थी शिकायत





दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि 6 रेसलर्स की शिकायतों की अब तक की जांच के आधार पर WFI के पूर्व अध्‍यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर केस चलाया जा सकता है। पुलिस ने चार्जशीट में स्पष्ट लिख है कि यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने जैसे अपराधों के लिए बृजभूषण सिंह पर केस चलाया जाय और उन्हें सजा भी मिलनी चाहिए।





मीडिया रिपोटर्स के अनुसार, 13 जून की चार्जशीट में सेक्‍शन 506 (आपराधिक धमकी), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), 354 ए (यौन उत्पीड़न) और 354 डी (पीछा करना) लगाते हुए यह भी कहा गया है कि एक मामले में बृजभूषण की ओर से उत्पीड़न लगातार जारी था।





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दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रहा केस





दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर को 18 जुलाई को कोर्ट में तलब किया है। इस पर बृजभूषण ने कहा कि वह कोर्ट के सामने पेश होंगे। उन्हें कोर्ट में पेश होने से कोई छूट नहीं चाहिए।





5 जून को कोर्ट में पेश की गई थी चार्जशीट





बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 15 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। आरोपियों में बृजभूषण के अलावा WFI के पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर का नाम भी है। चार्जशीट में पहलवानों के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान को अहम आधार माना गया है।





जांच में पुलिस को मिले कई अहम सबूत





बृजभूषण के खिलाफ करीब 7 गवाह मिले हैं। वहीं यौन शोषण की कथित जगह पर उनकी मौजूदगी के भी सबूत मिले हैं। चार्जशीट की पहली सुनवाई पर कोर्ट ने इसे MP-MLA कोर्ट में ट्रांसफर किया था। इसके अलावा, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को चार्जशीट की एक कॉपी शिकायतकर्ता पहलवानों को देने के आदेश दिए हैं।





रास्ता रोकने या पीछा करने का केस 2012 का





दिल्ली पुलिस के दायर की गई चार्जशीट के मुताबिक बृजभूषण पर जो रास्ता रोकने या पीछा करने का केस है, वह 2012 का है। इसमें शिकायत करने वाली महिला पहलवान ने बताया था कि बृजभूषण ने एक टूर्नामेंट के दौरान उसकी मां से बात की और उसे अपने कमरे में बुलाकर कस कर गले लगाया। जब महिला पहलवान घर लौटी तो अलग-अलग बहाने से कई बार उसकी मां के नंबर पर फोन करना शुरू कर दिया। उसने यह भी दावा किया कि बृजभषण की कॉल से बचने के लिए उसे अपना फोन नंबर तक बदलना पड़ा। हालांकि, इन आरोपों को साबित करने के मामले में कोई टेक्निकल एविडेंस नहीं मिले हैं।





 जांच में आरोपियों की मौजूदगी के सबूत मिले





बालिग पहलवानों के केस में पुलिस ने पहलवानों के CrPC की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के आगे दिए बयान को चार्जशीट का प्रमुख आधार माना है। पुलिस ने कहा कि बालिग पहलवानों ने जिस जगह पर उनके साथ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, वहां आरोपियों की मौजूदगी के सबूत मिले हैं।





पहलवानों ने पुलिस को जांच के दौरान सबूत के तौर पर 5 फोटो सौंपी हैं। इसके अलावा और भी डिजिटल सबूत दिए गए, उन्हें पेन ड्राइव में कोर्ट को सौंपा गया है। चार्जशीट में करीब 25 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। 7 गवाहों ने पीड़ित बालिग पहलवानों के आरोपों का सपोर्ट किया है। बाकी आरोपियों के पक्ष में बोले हैं। ट्रायल के दौरान इनका क्रॉस एग्जामिनेशन होगा।





कोर्ट नाबालिग पहलवान और उसके पिता को भी नोटिस दे चुकी 





बृजभूषण के खिलाफ नाबालिग पहलवान के बयानों पर दर्ज केस की क्लोजर रिपोर्ट पर बीते मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कैंसिलेशन रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बयान बदलने पर नाबालिग पहलवान और उसके पिता को नोटिस जारी कर इसकी वजह पूछी है। कोर्ट ने उनसे 1 अगस्त तक जवाब मांगा है।





नाबालिग ने बयान बदले थे कहा- यौन शोषण नहीं, भेदभाव हुआ





इस दौरान जज ने कहा कि कोर्ट नाबालिग का पक्ष जनना चाहता है। नाबालिग का पक्ष आने के बाद ही कोर्ट केस को रद्द करने पर फैसला लेगा। कुछ दिन पहले नाबालिग पहलवान ने कोर्ट में भी अपने बयानों को बदलते हुए कहा था कि मामला यौन शोषण का नहीं, भेदभाव का है। वह ट्रायल में पक्षपात से नाराज थी, इसलिए उसने झूठी शिकायत दी थी। 





इस केस में दिल्ली पुलिस ने 15 जून को कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की थी। इसमें कहा था कि जांच में यौन शोषण के कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए इस केस को बंद कर रहे हैं।



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