प्रज्ञानानंद और कार्लसन के बीच चेस वर्ल्ड कप फाइनल की पहली बाजी ड्रॉ, अब दूसरी बाजी में 23 अगस्त को फिर होंगे आमने-सामने 

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BP Shrivastava
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 प्रज्ञानानंद और कार्लसन के बीच चेस वर्ल्ड कप फाइनल की पहली बाजी ड्रॉ, अब दूसरी बाजी में 23 अगस्त को फिर होंगे आमने-सामने 

स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद और नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन के बीज चेस वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल मुकाबला जारी है। मंगलवार, 22 अगस्त को खिताबी मुकाबले की पहली बाजी 35 चालों के बाद ड्रॉ पर समाप्त हुई। अब दोनों  ग्रैंडमास्टर बुधवार, 23 अगस्त को दूसरी बाजी के लिए आमने-सामने होंगे। यह खिताबी मुकाबला अजरबैजान के बाकू में खेला जा रहा है। 



पहली बाजी में प्रज्ञानानंद ने सफेद मोहरों से बाजी की शुरुआत की जबकि कार्लसन को काले मोहरों से खेलना पड़ा। अब बुधवार को दूसरी बाजी में प्रज्ञानानंद को काले मोहरे मिलेंगे और कार्लसन सफेद मोहरों से चालें चलेंगे।



21 साल बाद भारत को फिडे वर्ल्ड कप जीतने का मौका



 कार्लसन दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी हैं जबकि 18 वर्षीय प्रज्ञानानंद के पास बड़ा इतिहास रचने का मौका है।  वे 21 साल बाद भारत को फिडे वर्ल्ड कप जिता सकते हैं। भारत ने अंतिम बार 2002 में चेस वर्ल्ड कप जीता था। तब ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने यह कारनामा  किया था।



यहां बता दें, चेस में शुरुआत में चार क्लासिकल मुकाबले होते हैं। ये तीन-तीन घंटे के होते हैं। इनसे परिणाम नहीं निकलने पर मुकाबला टाईब्रेकर में पहुंचता है। और टाईब्रेकर में समय धीरे-धीरे कम होता चला जाता है। जिससे बाजियां तेजी से खेली जाती हैं और परिणाम जल्द आता है। 



वर्ल्ड नंबर 3 करूआना को हराकर फाइनल में पहुंचे  प्रज्ञानानंद



इससे पहले प्रज्ञानानंद ने सोमवार, 21 अगस्त को सेमीफाइनल में रोमांचक जीत हासिल की थी। उन्होंने टाईब्रेक में अमेरिका के फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से मात दी। करूआना दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी हैं। प्रज्ञानानंदा ने दो मैचों की क्लासिकल सीरीज 1-1 से बराबरी पर समाप्त होने के बाद अमेरिकी ग्रैंडमास्टर को पछाड़ा।  यहां बता दें, प्रज्ञानानंदा वर्ल्ड कप फाइनल में एंट्री करने वाले दूसरे भारतीय हैं। प्रज्ञानानंद ने कंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है। वह इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं।



प्रज्ञानानंद का करियर



प्रज्ञानानंद ने करियर में अब तक कुल 1789 मैच खेले हैं, जिसमें से उन्होंने 894 में जीत दर्ज की। प्रज्ञानानंद के 504 गेम ड्रॉ रहे और 391 में हार का सामना करना पड़ा। वहीं, पांच बार के विश्व चैंपियन कार्लसन ने कुल 1820 मैच खेले हैं। उन्होंने 785 गेम जीते और 836 बोर्ड ड्रॉ किए। कार्लसन को 199 मैच में हार मिली।



प्रज्ञानानंद में बचाव की अद्भुत क्षमता



राष्ट्रीय कोच ग्रैंडमास्टर एम श्याम सुंदर ने मंगलवार को कहा कि प्रज्ञानानंद का दबाव की स्थिति में सहजता से बचाव करना और अपने प्रतिद्वंद्वी की कमजोरी को तुरंत भांपने की क्षमता एक विश्व स्तरीय खिलाड़ी की पहचान है। उन्होंने कहा,'उनकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ भी मुश्किल स्थिति में बचाव करने की उनकी क्षमता है। उनकी गणना करने की क्षमता उत्कृष्ट है और वह आत्मविश्वास के साथ बेहतर स्थिति को जीत में बदल सकता है।'



विश्वनाथन आनंद ने किया ट्वीट




— Viswanathan Anand (@vishy64theking) August 21, 2023



प्रज्ञानानंद के फाइनल में पहुंचने पर भारत के महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने खुशी का इजहार किया था। आनंद ने ट्विटर पर लिखा, ''प्रैग (प्रज्ञानानंद) फाइनल में पहुंच गया! उसने टाईब्रेक में फाबियानो करूआना को हराया और अब उसका सामना मैग्नस कार्लसन से होगा। क्या शानदार प्रदर्शन है!' 


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