NEW DELHI. दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर हुई घटना के मामले में 28 मई (रविवार) को एफआईआर दर्ज की है। दिल्ली पुलिस ने 3 रेसलर्स साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के साथ ही प्रदर्शन के आयोजकों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रविवार को संसद भवन के उद्घाटन के दौरान पहलवानों ने महिला महापंचायत का ऐलान किया था। जब पहलवान मार्च निकाल रहे थे तो इस दौरान पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए प्रदर्शन स्थल से पहलवानों के टेंट भी हटा दिए थे। दिल्ली पुलिस का कहना है रात में भी रेसलर्स प्रोटेस्ट वाली जगह पर आए थे। तकरीबन 7-8 लोग थे, उन्हें वापस भेज दिया गया। अब प्रोटेस्ट करने की इजाजत नही दी गई। दिल्ली के जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं।
विनेश फोगाट ने किया ट्वीट
एफआईआर दर्ज होने पर पहलवान विनेश फोगाट की प्रतिक्रिया सामने आई। उन्होंने ट्वीट किया- 'दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए। क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है कि सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है। एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।'
दरिया अब तेरी ख़ैर नहीं,
बूँदो ने बग़ावत कर ली है
नादां ना समझ रे बुज़दिल,
लहरों ने बग़ावत कर ली है,
हम परवाने हैं मौत समाँ,
मरने का किसको ख़ौफ़ यहाँ
रे तलवार तुझे झुकना होगा,
गर्दन ने बग़ावत कर ली है॥ pic.twitter.com/a5AYDkjCBu
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) May 29, 2023
घर वापस जाना विकल्प नहीं: बजरंग पुनिया
बजरंग पुनिया को 28 मई की रात पुलिस ने रिहा कर दिया था। बजरंग ने कहा कि जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता, घर वापस जाना कोई विकल्प नहीं है। मैं बाकी पहलवानों से मिलूंगा और हम तय करेंगे कि आगे क्या करना है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यौन उत्पीड़न का आरोपी नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल हुआ। यह इस देश का दुर्भाग्य है, एक यौन उत्पीड़न का आरोपी नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल हुआ।
पहलवानों की रिहाई के लिए राकेश टिकैत ने दिल्ली बॉर्डर पर किया था प्रदर्शन
पहलवानों के समर्थन में किसान नेता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ गाजियाबाद बार्डर पर डट गए थे। वे यहां से दिल्ली में एंट्री करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें रोक रही थी। पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद टिकैत ने कहा था कि पहले खिलाड़ियों की रिहाई होगी, इसके बाद ही किसान बॉर्डर से जाएंगे। उन्होंने कहा था कि पहले खिलाड़ियों को छोड़ा जाए या फिर हमें भी गिरफ्तार किया जाए। हालांकि बाद में जब पहलवानों को हिरासत से छोड़े जाने की खबर आई तो वे बॉर्डर से लौट गए।