DOHA. फीफा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में डिफेंडिंग चैंपियन फ्रांस ने अपने कद के हिसाब से खेल दिखाया और लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बना ली। कतर में हो रहे वर्ल्ड कप के दूसरे सेमीफाइनल में फ्रांस ने मोरक्को को 2-0 से मात दी। इसी के साथ मोरक्को का पहली बार फाइनल में पहुंचने का सपना भी टूट गया। अगर मोरक्को ऐसा कर पाता तो फाइनल में खेलने वाला पहला अफ्रीकी देश होता।
18 दिसंबर को फाइनल में फ्रांस का मुकाबला अर्जेंटीना से होगा। अब तक फुटबॉल वर्ल्ड कप केवल 8 देशों ब्राजील, अर्जेंटीना, उरुग्वे, फ्रांस, इटली, जर्मनी, इंग्लैंड और स्पेन ने जीता है। इस भी फाइनल से तय है कि वर्ल्ड कप इन्हीं 8 देशों में से किसी एक में ही जाएगा।
फ्रांस के लिए दिग्गज गोल नहीं कर पाए, हर्नांडेज और मुआनी ने दागे
फ्रांस के लिए दो गोल थियो हर्नांडेज और रैंडल कोलो मुआनी ने किए। किलियन एम्बाप्पे, एंटनी ग्रीजमैन, ओलिवर जिरू और उस्मान डेम्बेले जैसे स्टार खिलाड़ी इस मैच में गोल नहीं कर सके। फ्रांस ने 5वें मिनट में ही बढ़त बना ली थी। थियो हर्नांडेज ने टीम के लिए पहला गोल किया। हर्नांडेज ने मोरक्को के गोलकीपर बुनौ को छकाते हुए गोल दागा। 79वें मिनट में फ्रांस टीम ने 2 गोल की बढ़त बना ली। उसके लिए रैंडल कोलो मुआनी ने टीम के लिए दूसरा गोल किया। वह सब्सिट्यूट के तौर पर उतरे थे। उन्होंने उतरने के 44 सेकंड बाद ही गेंद को गोलपोस्ट में डाल दिया।
फ्रांस ने मोरक्को को हराकर लगातार दूसरी और ओवरऑल चौथी बार फाइनल में एंट्री कर ली है। इससे पहले फ्रांस ने तीन बार फाइनल खेला, जिसमें दो बार 1998 और 2018 में खिताब जीता है, जबकि 2006 में उपविजेता रही थी। फ्रांस की टीम दो बार तीसरे और एक बार चौथे नंबर पर भी रही है। इस बार फ्रांस की टीम कुल सातवीं बार टॉप-4 में पहुंची है।
20 साल बाद पहली बार कोई टीम लगातार दो बार फाइनल खेलेगी
फीफा वर्ल्ड कप में 2002 के बाद पहली बार कोई टीम लगातार दो फाइनल खेलेगी। तब ब्राजील लगातार तीसरी बार फाइनल खेल रही थी। उसने 1994 के बाद 1998 और 2002 में खिताबी मुकाबले में अपनी जगह बनाई थी। ब्राजील 1994 और 2002 में चैंपियन बना था। फ्रांस 1990 के बाद लगातार दो बार फाइनल खेलने वाली यूरोप की पहली टीम बनी। जर्मनी ने 1982, 1986 और 1990 में फाइनल खेला था।
मोरक्को का इतिहास रचने का सपना टूटा
मोरक्को की टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची थी। वह सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली अफ्रीकी टीम भी बनी। अगर मोरक्को टीम सेमीफाइनल जीत जाती तो वह बड़ा उलटफेर करते हुए फाइनल खेलने वाली पहली अफ्रीकी टीम बनते हुए इतिहास रच रच सकती थी, लेकिन ये हो नहीं पाया।