International Desk. अपने करियर का आखिरी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट खेल रही सानिया मिर्जा ने बुधवार को मेलबर्न में अपने जोड़ीदार रोहन बोपन्ना के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट के मिक्स्ड डबल फाइनल में जगह बनाई, अब उनकी नजरें सातवें बड़े खिताब पर टिकी हैं। रिटायरमेंट से पहले यह जीत उनके लिए काफी खास है।
बिना किसी रैंक वाली इस भारतीय जोड़ी ने एक घंटे और 52 मिनट चले सेमीफाइनल में डेसिरे क्रॉसिक और नील स्कुपस्की की तीसरी रैंक वाली जोड़ी को कड़े मुकाबले में हरा दिया। शुरुआती सेट जीतने और फिर दूसरा सेट गंवाने के बाद भारतीय जोड़ी ने सुपर टाईब्रेकर में अच्छी शुरुआत की। सानिया ने बैकहैंड विनर के साथ 3 मैच प्वाइंट हासिल किए और फिर अगले अंक पर मैच जीत लिया जब क्रॉसिक ड्राइव वॉली को लौटाने में असफल रहीं।
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सानिया ने मैच के बाद कहा कि यह मैच शानदार था, वे काफी नर्वस थीं,उन्होंने कहा कि यह मेरा आखिरी ग्रैंड स्लैम है और रोहन के साथ खेलना स्पेशल है। वह मेरा पहला मिक्स्ड डबल का जोड़ीदार था, जब मैंने 14 साल की उम्र में उसके साथ जोड़ी बनाई थी और अब मैं 36 की हूं और वह 42 साल का है। हम अब भी खेल रहे हैं और हमारा रिश्ता बहुत खास और मजबूत है।
सानिया ने ऐलान किया है कि फरवरी में दुबई में होने वाला डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट उनके करियर का आखिरी टूर्नामेंट होगा। उन्होंने अमेरिका और इंग्लैंड के अपने प्रतिद्वंद्वियों के बारे में कहा कि हम यहां पर एक बार फिर उतरकर और खुद को एक और मौका देने को लेकर उत्साहित हैं। हम टूर पर सर्वश्रेष्ठ मिक्स्ड डबल जोड़ी से खेल रहे थे और हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था।
बता दें 36 साल की सानिया मिर्जा एक बच्चे की मां भी हैं। ढलती उम्र के चलते उन्होंने अब टेनिस को अलविदा कहने का मन बना लिया है। ऐसे में वर्ल्ड की टॉप जोड़ी को हराकर उन्होंने सभी को चौंकाया है। वे दुबई में होने जा रहे डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट के बाद रिटायरमेंट का ऐलान कर चुकी हैं।