Bhubaneswar. हॉकी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के लिए रविवार का दिन करो या मरो के लिहाज से काफी चुनौतीभरा है, कलिंगा स्टेडियम में शाम 7 बजे भारत का सामना न्यूजीलैंड से होगा। यदि भारतीय टीम न्यूजीलैंड को हरा देती है तो क्वार्टर फाइनल में प्रवेश मिल जाएगा, यदि मेजबान टीम हार जाती है तो फिर इसी टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी। पूल-डी का ये क्रॉसओवर मुकाबला दोनों टीमों के लिए अहम होने वाला है। भारत ने अपने पिछले मुकाबले में वेल्स को 4-2 के अंतर से हराया था, जबकि इंग्लैंड बेहतर गोल डिफेंस के आधार पर पूल के टॉप पर रहा। इंग्लैंड पहले ही टॉप-8 में प्रवेश कर चुका है।
पेनल्टी कॉर्नर मजबूत पक्ष, फील्ड गोल भी करने होंगे
भारतीय टीम के लिए पेनल्टी कॉर्नर मजबूत पक्ष रहा है, लेकिन हरमनप्रीत की कप्तानी वाली भारतीय टीम को केवल पेनल्टी पर निर्भर नहीं रहना होगा। उसे ज्यादा फील्ड गोल भी करने होंगे। हालांकि, इस वर्ल्ड कप में भारतीय खिलाड़ियों फील्ड गोल भी दागे हैं। हमने पेनल्टी के कुछ मौके गंवाए हैं। इस दिशा में हरमनप्रीत के नेतृत्व में ड्रैग फ्लिकर्स को काम करना होगा। ताकि जब भी पेनल्टी कॉर्नर के मौके मिलें, उन पर गोल स्कोर हो सके।
स्टार मिडफील्डर हार्दिक सिंह वर्ल्ड कप से बाहर
भारतीय मिडफील्ड के मुख्य खिलाड़ियों में से एक हार्दिक सिंह हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण विश्व कप से बाहर हो गए हैं, उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ अपने खेल में चोट लगी थी और उन्हें वेल्स के खिलाफ अगले खेल के लिए भी आराम दिया गया था। यह वास्तव में टीम के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि हार्दिक ने मिडफील्ड और अटैक दोनों में अपना जादू दिखलाया था।
आंकड़ों में भारत का पलड़ा भारी
दोनों टीमों के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो अब तक दोनों टीमों के बीच अबतक 44 मुकाबले खेले गए हैं। इनमें भारत ने 24 और न्यूजीलैंड ने 15 मैच जीते हैं। साथ ही 5 मैच बराबरी पर छूटे हैं। यानी भारत ने 54.55% मैच जीते हैं। जबकि न्यूजीलैंड की जीत का प्रतिशत 34.09 रहा है। 11.36% मैच बराबरी पर छूटे। वर्ल्ड कप में भारत-न्यूजीलैंड के बीच कुल 6 मैच हुए हैं। इनमें से 3 में भारत को जीत मिली है, जबकि 2 न्यूजीलैंड के नाम रहे हैं। एक मुकाबला बराबरी पर खत्म हुआ।