स्पोर्ट्स डेस्क. बेंगलुरु में इंडियन ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है। टीम इंडिया ने लगातार तीसरी बार टी-20 वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया। ये ब्लाइंड टी-20 वर्ल्ड कप का तीसरा सीजन था और तीनों ही बार भारत ने खिताब जीता। फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 2 विकेट खोकर 277 रन बनाए। इसके जवाब में बांग्लादेश की टीम 20 ओवर में 3 विकेट पर 157 रन बना सकी। भारत की ओर से सुनील रमेश और कप्तान अजय रेड्डी ने शतक लगाए। सुनील रमेश मैन ऑफ द फाइनल रहे।
भारत ने दिया था 278 रनों का टारगेट
भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। भारत ने 20 ओवर में 2 विकेट खोकर 277 रनों का बड़ा लक्ष्य बांग्लादेश के सामने रखा। रमेश ने 63 गेंदों में नाबाद 136 रन बनाए। कप्तान अजय रेड्डी ने 50 गेंदों में 100 रन बनाए। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 247 रनों की पार्टनरशिप की। बांग्लादेश ने फाइनल में 7 गेंदबाजों का इस्तेमाल किया। 278 रनों के जवाब में बांग्लादेश की टीम 20 ओवर में 157 रन ही बना सकी और मैच हार गई।
भारत का ओवरऑल 5वां वर्ल्ड कप
भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम का ओवरऑल ये 5वां वर्ल्ड कप है। भारतीय टीम 2 वनडे और 3 टी-20 वर्ल्ड कप जीत चुकी है।
कैसे खेला जाता है ब्लाइंड क्रिकेट
ब्लाइंड क्रिकेट मैच प्लास्टिक की गेंद से होता है। इसके अंदर बॉल बेयरिंग डाले जाते हैं जो किसी झुनझुने की तरह आवाज करते हैं। इनकी आवाज से खिलाड़ी को गेंद का अंदाजा होता है। गेंदबाज प्ले कहकर गेंद फेंकता है, जिससे बैट्समैन और फील्डरों को पता चल जाए कि गेंद फेंकी जा रही है। ब्लाइंड क्रिकेट में अंडरआर्म बॉलिंग की जाती है।
ऐसा होता है टीम कॉम्बिनेशन
ब्लाइंड क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों की नेत्रहीनता का स्तर अलग-अलग होता है। सभी 11 खिलाड़ी पूरी तरह से दृष्टिहीन नहीं होते। टीम में 4 खिलाड़ी पूरी तरह से दृष्टिहीन होते हैं। 3 खिलाड़ी आंशिक रूप से दृष्टिहीन होते हैं। 4 खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो आंशिक रूप से देख सकते हैं।