खेल मंत्रालय के आश्वासन से पहलवान खुश नहीं, अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे तक जारी रहेगा धरना; बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप

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Atul Tiwari
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खेल मंत्रालय के आश्वासन से पहलवान खुश नहीं, अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे तक जारी रहेगा धरना; बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप

NEW DELHI. भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) इस समय विवादों में है। खेल मंत्रालय से बैठक के बाद मिले आश्वासन से भी पहलवान खुश नहीं हैं। पहलवानों का कहना है कि वे कुश्ती संघ के अध्यक्ष का इस्तीफा लेकर रहेंगे। ठोस कार्रवाई होने तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने कहा कि खेल मंत्रालय के आश्वासन से खुश नहीं हैं। उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। वे कुश्ती संघ के अध्यक्ष का इस्तीफा लेकर रहेंगे। पहलवानों ने कुश्ती संघ को भंग करने की मांग की है।



अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप



विवाद के केंद्र में हैं इसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह। बृजभूषण पर देश के नामचीन पहलवानों ने आरोप लगाए हैं। बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच पर महिला रेसलर्स के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप हैं। धरना देने वाले पहलवानों में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, सरिता मोर और सुमित मलिक जैसे बड़े नाम शामिल हैं, जिन्होंने ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ गेम्स तक कुश्ती की कई प्रतियोगिताओं में मेडल जिताकर देश का मान बढ़ाया है।



जानते हैं कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह...



राम मंदिर आंदोलन निकले नेता हैं बृजभूषण शरण सिंह



बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष हैं। वे कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद हैं। वे 6 बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। बृजभूषण शरण सिंह  राजनीति के ही माहिर खिलाड़ी नहीं हैं, बल्कि पहलवानी भी उनका शौक रहा है। वे 2011 से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने हुए हैं। बृजभूषण यूपी के गोंडा जिले के बिशनोहर गांव के रहने वाले हैं। बचपन और युवावस्था में उन्होंने कुश्ती में खूब दिखाए। इसके बाद उन्होंने 1980 के दशक में छात्र राजनीति की। 1988 में वे बीजेपी में शामिल आ गए। जब राम मंदिर को लेकर आंदोलन हुआ तो उनकी उग्र हिंदुत्व की छवि ने उन्हें क्षेत्र में लोकप्रिय बना दिया। 



बृजभूषण शरण सिंह पहली बार 1991 में चुनाव लड़े थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने सपा के टिकट पर कैसरगंज सीट से जीत दर्ज की। उसके बाद सपा भी छोड़ दी। 2014 चुनाव से पहले बृजभूषण फिर बीजेपी में शामिल हो गए। 2014 और 2019 में वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते।



अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में भी थे आरोपी



बृजभूषण अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने के मामले में भी आरोपी बनाए गए थे, बाद में कोर्ट ने उनको बरी कर दिया। आडवाणी समेत जिन 40 नेताओं पर आरोप तय किए गए थे, बृजभूषण शरण उनमें से एक थे। 2020 में वे बरी हो गए। 



बेबाक बयानबाजी, विवादों से नाता



बृजभूषण अपनी बेबाक बयानबाजी के लिए भी जाने जाते हैं। पिछले साल जब राज ठाकरे ने अयोध्या के दौरे का ऐलान किया था। उसके बाद बृजभूषण ने पार्टी स्टैंड से अलग राज ठाकरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने कहा था कि राज ठाकरे का अयोध्या में स्वागत है, पर बृजभूषण ने ऐलान कर दिया था कि राज ठाकरे को अयोध्या में घुसने नहीं देंगे। हाल ही में बाबा रामदेव के खिलाफ भी बृजभूषण में मोर्चा खोला था। इसके बाद पतंजलि की ओर से बृजभूषण शरण सिंह को नोटिस भी भेजा गया था. 



मंच पर पहलवान को जड़ा थप्पड़



रांची में अंडर-15 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में बृजभूषण सिंह ने एक पहलवान को मंच पर थप्पड़ जड़ दिया था। ये प्रतियोगिता अंडर-15 एज ग्रुप के लिए थी और जिस युवा पहलवान को थप्पड़ खाना पड़ा, उसकी उम्र ज्यादा थी। जब उम्र वैरिफिकेशन में वो 15 से ज्यादा का निकल गया तो उसे तकनीकी पदाधिकारियों ने डिसक्वालिफाई कर दिया। इसके बाद वह पहलवान अतिथियों के मंच पर यह सोच कर चढ़ गया कि शायद यहां रिक्वेस्ट करने से उसका काम बन जाए। मंच पर जाकर बात रखी तो बहस बढ़ गई। उसी मंच पे भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी बैठे थे। उन्होंने आपा खोते हुए पहलवान पर हाथ छोड़ दिया।


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