अंकुश मौर्य, BHOPAL. राजधानी भोपाल के पॉश इलाके में मंत्री विश्वास सारंग के नाम से क्रिकेट एकेडमी चलाई जा रही है। एकेडमी का नाम वीएस क्रिकेट एकेडमी रखा गया है। यानी विश्वास सारंग क्रिकेट एकेडमी। पूरे ग्राउंड पर विश्वास सारंग के पोस्टर लगे हुए हैं। कुछ तस्वीरों में तो मंत्री जी बल्ला ताने दिखाई देते हैं।
निगम के ग्राउंड पर मंत्री विश्वास सारंग की एकेडमी का कब्जा
ये ग्राउंड नगर निगम का है जिस पर मंत्री विश्वास सारंग की एकेडमी ने कब्जा कर लिया है। अब एकेडमी के कर्ताधर्ता बच्चों को क्रिकेट की ट्रेनिंग देने के नाम पर मोटी फीस वसूल रहे हैं। दूसरी तरफ कॉलोनीवासियों को ग्राउंड में घुसने तक की अनुमति नहीं है। बिना फीस दिए कॉलोनी के बच्चे यहां खेल भी नहीं सकते।
वीडियो देखें..सरकारी जमीन पर कब्जा कर मध्यप्रदेश के मंत्री के नाम पर भोपाल में चल रही क्रिकेट एकेडमी
ग्राउंड को क्रिकेट ग्राउंड की तर्ज पर किया डेवलप
भोपाल के कमर्शियल इलाके एमपी नगर से लगे गौतम नगर में ये ग्राउंड है। ग्राउंड को क्रिकेट ग्राउंड की तर्ज पर डेवलप किया गया है। क्रिकेट किट पहने दर्जनों बच्चे यहां खेलते नजर आते हैं लेकिन ये बच्चे कॉलोनी के आम बच्चे नहीं हैं, जो बल्ला उठाकर खेलने चले आए हो। इस ग्राउंड पर खेलने के लिए इन बच्चों के परिजन ने मोटी रकम चुकाई है। कॉलोनी के इस मैदान में संचालित की जा रही विश्वास सारंग एकेडमी को 20 हजार रुपए सालाना की फीस चुकाई है।
एकेडमी के कोच पंकज ठाकुर क्या कहते हैं ?
बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे वीएस एकेडमी के कोच पंकज ठाकुर का कहना है कि ये ग्राउंड खेल एवं युवा कल्याण विभाग, मध्यप्रदेश का है। एकेडमी चलाने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के साथ एमओयू किया है जिसके तहत बच्चों से ली जाने वाली फीस का 40 फीसदी हिस्सा विभाग के खाते में जमा कराया जाता है। पंकज ठाकुर का कहना है कि एकेडमी ने एमओयू करके ग्राउंड लिया है। लिहाजा आउटसाइडर्स यानी कॉलोनी के बच्चों को ग्राउंड पर क्यों खेलने देंगे।
एकेडमी के कोच पंकज ठाकुर के दावे झूठे
वीएस एकेडमी के कोच पंकज ठाकुर के ये तमाम दावे झूठे हैं। द सूत्र ने जब इन दावों की पड़ताल की तो सच सामने आ गया। दरअसल जिस ग्राउंड पर मंत्री विश्वास सारंग के नाम पर क्रिकेट एकेडमी चलाई जा रही है, वो नगर निगम का मैदान है। ना कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग का। दूसरी दावा ये था कि एकेडमी ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के साथ एमओयू किया है। ये भी फर्जी दलील साबित हुई। विभाग के जिले से आला अधिकारियों ने एकेडमी के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया।
झूठ के सहारे सरकारी ग्राउंड पर चल रही निजी एकेडमी
द सूत्र की टीम ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक बीएस यादव से बातचीत की। उन्होंने बताया कि भोपाल में विभाग के 3 क्रिकेट ग्राउंड है। बाबेअली, ओल्ड कैंपियन और अंकुर खेल मैदान। गौतम नगर मैदान से विभाग को कोई लेना-देना ही नहीं है। दूसरी तरफ जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी जोस चाको ने साफ तौर पर कहा कि वीएस एकेडमी कोई राशि विभाग के खाते में जमा नहीं कराती। यानी साफ है कि एकेडमी चलाने वाले झूठे के सहारे सरकारी ग्राउंड पर अपनी दुकान चला रहे हैं।
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ग्राउंड नगर निगम की प्रॉपर्टी लेकिन खेल विभाग ने किया डेवलप
एक तरफ खेल विभाग कहता है कि गौतम नगर ग्राउंड उनकी प्रॉपर्टी नहीं है और उसके मेंटेनेंस पर कोई खर्च नहीं जाता लेकिन हकीकत ये है कि गौतम नगर के इस मैदान को क्रिकेट ट्रेनिंग मैदान की तरह डेवलप करने का काम खेल विभाग ने ही किया था। जानकारों ने बताया कि 2011 में विभाग के तात्कालीन डायरेक्टर शैलेंद्र श्रीवास्तव ने राजनीतिक दबाव के चलते विभाग के बजट को नियम विरुद्ध तरीके से खर्च किया था। ग्राउंड नगर निगम की प्रॉपर्टी है लेकिन उसे क्रिकेट ग्राउंड की तर्ज पर डेवलप करने में विभाग ने लाखों रुपए खर्च किए।
सरकारी खर्च पर हो रहा कमर्शियल इस्तेमाल
ग्राउंड पर एकेडमी के नाम पर कब्जा करने के लिए तमाम प्रपंच किए गए। खेल विभाग के अलावा नगर निगम का बजट भी खर्च किया जा रहा है लेकिन खर्च सरकारी हो रहा है और इस्तेमाल कमर्शियल। कॉलोनी के ही वो बच्चे जो एकेडमी का हिस्सा नहीं हैं, वो ग्राउंड में नहीं खेल सकते।