BHOPAL. खेलो इंडिया यूथ गेम्स 5.0 में मेजबान एमपी ने महेश्वर में नर्मदा की सहस्त्र जलधारा में आज (6 फरवरी) से शुरू हुई सलालम स्पर्धा में चार में से दो गोल्ड मेडल जीत लिए हैं। दो अन्य का फैसला कल (7 फरवरी) को होगा। पूरी संभावना है, शेष दो गोल्ड पर भी एमपी का दावा बेहद मजबूत है। खेलों के आठवें दिन मात्र चार पदकों का फैसला हुआ जिसमें से दो महाराष्ट्र ने और दो एमपी ने जीते हैं, जबकि गत चैंपियन हरियाण के खाते में कोई गोल्ड मेडल का इजाफा नहीं हुआ। मेडल टैली में महाराष्ट्र 28 गोल्ड सहित कुल 83 मेडल लेकर टॉप पर है, जबकि हरियाणा और मेजबान एमपी 23 गोल्ड सहित कुल 56 मेडल लेकर क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर डटे हैं। संभावना है कि एमपी खेलों के समापन पर मेडल टैली में तीसरा स्थान हासिल कर सबको चौंका सकता है।
प्रद्युम सिंह और मानसी ने जीते गोल्ड
पूर्वानुमानों के मुताबिक महेश्वर में कैनो सलालम की के-1 इवेंट में एमपी के प्रद्युम्न सिंह राठौर (76.850 सेकंड) प्रथम स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल जीता। जबकि मेघालय के पायनशंगैन कुर्बाह (98.310) दूसरे और गुजरात के अनक चौहान (104.030) तीसरे स्थान पर रहे। दोनों ने क्रमश: सिल्वर और ब्रांज मेडल जीता। लड़कियों के वर्ग में एमपी की मानसी बाथम (128.596 सेकंड) ने गोल्ड मेडल जीता, वहीं हरियाणा की प्रीति पाल (491.172 सेकंड) ने सिल्वर और कर्नाकट की द्रुति मारिया (559.120 सेकंड) ने ब्रांज मेडल जीता।
वेटलिफ्टिंग में विनय ने जीता ब्रांज मेडल
इंदौर के बास्केटबाल कॉम्पलेक्स में आज (6 फरवरी) से शुरू हुई वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में पहले दिन एमपी के विनय प्रजापति ने 55 किलो वर्ग में 214 किलो वजन उठाकर ब्रांज मेडल जीता। इस वर्ग का गोल्ड मेडल आध्रप्रदेश के गुरु नायडू ने (227 किलो वजन) गोल्ड और मणिपुर के एन टामचाउ मीटेई ने (227 किलो वजन) सिल्वर मेडल जीता। गुरु ने स्नेच में 103 किलो और क्लिन एंड जर्क में 124 किलो वजन उठाया, जबकि एन टामचाउ ने स्नेक में 102 किलो और क्लिन एंड जर्क में 125 किलो वजन उठाया। यानी स्नेच के अंकों के आधार पर गुरु को गोल्ड मेडल दिया गया।
प्रकाश तरण पुष्कर से निकलेंगे सबसे ज्यादा 38 गोल्ड मेडल
खेलों की तैराकी स्पर्धा 7 से 11 फरवरी तक राजधानी के प्रकाश तरण पुष्कर में आयोजित की जा रही है। इस स्पर्धा में 38 गोल्ड सहित 114 मेडल का फैसला होना है। यानी खेलों के सबसे ज्यादा मेडल इसी स्पर्धा में दांव पर लगे हैं। जिसमें महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक का दबदवा रहने की संभावना है। मेजबान एमपी की चुनौती बेहद कमजोर है।