JAIPUR. कहा जाता है कि हर राजनीतिज्ञ सियासत का बड़ा खिलाड़ी होता है, मगर देश में कई खिलाड़ी भी ऐसे हैं जो अच्छे राजनीतिज्ञ साबित हुए हैं। मप्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। तीनों ही जगह कई खिलाड़ी भी चुनाव की नाव पर सवार होना चाहते हैं। आज राष्ट्रीय खेल दिवस पर जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जिनकी पारी अब भी जारी है…
कृष्णा पूनिया
हरियाणा के हिसार की इस बेटी ने दो बार भारत की तरफ से डिस्कस थ्रो में ओलिंपिक में हिस्सा भी लिया। अर्जुन अवॉर्डी पूनिया ने कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल जीते हैं। डिस्कस थ्रोअर कृष्णा पूनिया ने 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। फिलहाल वे सादुलपुर से कांग्रेस की विधायक होने के साथ ही राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद की चेयरमैन भी हैं। उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला है। बता दें कि जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनावों में भाजपा ने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टिकट दिया था और कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार थीं कृष्णा पूनिया। उस वक्त चुनाव को दो विश्व स्तरीय खिलाड़ियों के बीच राजनीतिक भिड़ंत के रूप में देखा गया। दोनों के बीच अच्छा मुकाबला हुआ, लेकिन अंतत: राठौड़ विजयी रहे।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़
निशानेबाजी नाम करने वाले मेजर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी खेलों से ही राजनीति में उतरे। 2004 में एथेंस ओलिंपिक में राइफल शूटिंग में सिल्वर मेडल जीता था। राजस्थान से लेकर दिल्ली और एथेंस तक राठौड़ बहुत प्रसिद्ध हो गए। तब राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे थीं। राजे ने राठौड़ के स्वागत की तैयारियां कीं और अपने केबिनेट मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ को दिल्ली भेजा था। 2014 में भाजपा ने उन्हें जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। उस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज राजनेता तत्कालीन केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री सीपी जोशी को हराया था। राठौड़ को वर्ष 2014 से 2019 के बीच केन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद भी मिला। वे वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार भी जयपुर ग्रामीण से सांसद बने। वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।
अशोक चांदना
राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना ने भी खेलों से ही सियासत में एंट्री की। चांदना एक नहीं दो-दो खेलों के माहिर खिलाड़ी हैं। इसके अलावा भी घुड़सवारी, तैराकी और वॉलीबॉल में भी स्टेट लेवल तक खेल चुके हैं। खेलों से राजनीति में आए चांदना लगातार दूसरी बार बूंदी जिले के हिंडोली से विधायक हैं। वर्तमान कांग्रेस सरकार में वे खेल राज्य मंत्री भी हैं।
मेघा परमार
मध्यप्रदेश सरकार की बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर और कांग्रेस ज्वाइन करने वाली मेघा परमार एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली मप्र की पहली महिला हैं। 28 वर्षीय मेघा सीहोर की रहने वाली हैं और स्कूबा डाइविंग में भी एक्सपर्ट हैं। हाल ही में कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद उन्हें बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर से हटा दिया गया था। मेघा भी आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहती हैं।