बीपी श्रीवास्तव, BHOPAL. अगले साल 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक पर कई देशों के बहिष्कार का साया मंढरा रहा है। स्थिति कुछ 1980 मास्को ओलंपिक जैसी बन रही है। तब रूस के अफगानिस्तान में युद्ध के विरोध में करीब 65 देशों ने मास्को ओलंपिक का बहिष्कार किया था। अब की बार स्थिति कुछ उटल है। इस बार भी विरोध रूस का ही है। बस, अंतर यह कि अब बात पेरिस ओलंपिक की हो रही है। इस बार विरोध की वजह, पेरिस ओलंपिक में रूस और बेलारूस को भागीदारी देने को लेकर है। रूस के युक्रेन पर आक्रमण को लेकर, अमेरिका सहित दुनिया के कई बड़े देश नाराज हैं। पेरिस ओलंपिक में रूस और बेलारूस के भाग लेने का विरोध, युक्रेन पहले ही कर चुका है और अब पोलैंड ने भी युक्रेन की भाषा बोलते हुए बहिष्कार की धमकी सी दी है। पोलैंड के खेल एवं टूरिज्म मंत्री कामिल बोर्टनिकजुक ने कहा, पेरिस ओलंपिक का 40 से ज्यादा देश बहिष्कार कर सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो पूरा आयोजन व्यर्थ हो जाएगा।
आईओसी चाह रहा है रूस-बेलारूस का प्रतिनिधित्व
इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों केा 2024 पेरिस ओलंपिक में खेलने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। इस खबर के दुनिया में फैलने के बाद विरोध के स्वर और तेज हो गए हैं। हालांकि, आईओसी ने गुरुवार को साफ कर दिया कि यदि कोई देश ओलंपिक गेम्स का बायकॉट करते हैं तो उनके देश के खिलाड़ियों को ही नुकसान होगा। कामिल का मानना है कि 10 फरवरी को आईओसी की मीटिंग से पहले 40 देश एकजुट हो सकते हैं, जिनमें ब्रिटेन,अमेरिका और कनाडा भी शामिल है।। यदि एकजुट हुए 40 देश ओलंपिक का बहिष्कार करते हैं। तो ओलंपिक पर काफी असर पड़ेगा और आयोजन पूरा व्यर्थ हो जाएगा। आईओसी ने कहा कि वह रूस और बेलारूस को तटस्थ देश के रूप में ओलंपिक में हिस्सा लेने की अनुमति देने के लिए रास्ता तैयार कर रहा है। किसी भी खिलाड़ी को उसके पासपोर्ट के आधार पर प्रतिस्पर्धा करने से नहीं रोका जाना चाहिए। हालांकि ब्रिटेन ने इसकी आलोचना करते हुए कहा था कि क्या वे युद्ध की वास्तविकता से परिचित नहीं हैं।
मास्को ओलंपिक का भी हुआ था बहिष्कार
मास्को में 1980 में हुए ओलंपिक का तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर के आग्रह पर संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में, 65 देशों ने अफगानिसतान में सोवियत युद्ध के विरोध में खेल का बहिष्कार किया था। हालांकि बहिष्कारा देशों के कुछ एथलीट्स ने ओलंपिक ध्वज के तहत ओलंपिक में भाग लिया था। इसने 1984 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के सोवियत नेतृत्व का बहिष्कार के लिए प्रेरित किया था।