स्पोर्ट्स डेस्क. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल 7 जून से खेला जाना है। भारत और ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड के द ओवल मैदान पर आमने-सामने होंगे। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल ड्यूक की जगह कूकाबूरा गेंद से खेला जाएगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने लाल गेंद के ऑस्ट्रेलियन वैरिएंट का इस्तेमाल करने पर सहमति जताई है। ये पहला मौका होगा जब टीम इंडिया इंग्लैंड में ड्यूक गेंद से नहीं खेलेगी। 2021 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच WTC फाइनल ड्यूक गेंद से हुआ था।
ड्यूक गेंद की गुणवत्ता की शिकायत
काउंटी टीमों ने ड्यूक गेंदों की गुणवत्ता की शिकायत की थी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने पुष्टि की है कि आईसीसी ने ड्यूक की जगह कूकाबूरा के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। पिछले साल जब न्यूजीलैंड की टीम इंग्लैंड दौरे पर थी, उस वक्त कीवी कप्तान केन विलियम्सन ने ड्यूक गेंद की शिकायत की थी। विलियम्सन का कहना था कि ड्यूक गेंद जल्दी आकार खो रही है, नरम हो जाती है, इसलिए स्विंग नहीं मिलती है।
कूकाबूरा गेंद
कूकाबूरा गेंद ऑस्ट्रेलिया में बनाई जाती है। इसका इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और जिम्बाब्वे में होता है। कूकाबूरा गेंद की सीम लो रहती है। इससे शुरुआती 20 ओवर में अच्छी स्विंग मिलती है। तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है। वहीं जब इसकी सीम की सिलाई खराब हो जाती है तो स्पिनर्स को भी ग्रिप करने में परेशानी होती है।
ड्यूक गेंद
ड्यूक गेंद इंग्लैंड में बनाई जाती है। इसका इस्तेमाल इंग्लैंड के अलावा वेस्टइंडीज में भी होता है। इस गेंद की सीम अच्छी होती है और 50 से 55 ओवर तक बनी रहती है। ड्यूक गेंद तेज गेंदबाजों को ज्यादा मदद करती है, इससे ज्यादा स्विंग मिलती है। हालांकि इसकी खराब गुणवत्ता की शिकायत मिली है।
ड्यूक गेंद से हुआ था पिछला WTC फाइनल
2021 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल ड्यूक गेंद से खेला गया था। इस मुकाबले में न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेट से हराया था। इस मैच का नतीजा बारिश की वजह से रिजर्व-डे पर निकला था। भारत ने पहली पारी में 217 रन बनाए थे। इसके जवाब में न्यूजीलैंड ने 249 रन बनाए थे और 32 रन की बढ़त ली थी। इसके बाद भारत ने 170 रन बनाकर 139 रन का टारगेट दिया था। वहीं चौथी पारी में न्यूजीलैंड ने 2 विकेट खोकर 140 रन बनाकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल अपने नाम कर लिया था।