RAJNANGAON. जिले के डोंगरगढ़ विधानसभा क्रमांक 74 में बीजेपी के द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद यहां बीजेपी के खिलाफ बगावत के स्वर दिखाई दे रहे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर के समर्थन में शुक्रवार, 13 अक्टूबर को सैकड़ों कार्यकर्ता खुलकर सामने आए। इस दौरान राजेश श्यामकर अपने समर्थक और कार्यकर्ताओं के साथ रैली निकाल कर नामांकन फार्म लेने कलेक्ट्रेट कार्यालय भी पहुंचे।
डोंगरगढ़ से बीजेपी ने विनोद खांडेकर को बनाया प्रत्याशी
राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विधानसभा में बीजेपी ने अपने प्रत्याशी की घोषणा करते हुए यहां से पूर्व विधायक विनोद खांडेकर को प्रत्याशी बनाया है। तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी से ही टिकट की दावेदारी में शामिल रहे राजेश श्यामकर को भारतीय जनता पार्टी ने नजरअंदाज कर दिया। अब इसके बाद यहां बगावत के स्वर देखने को मिल रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर ने आज अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ रैली निकाली और नाम निर्देशन पत्र की प्रक्रिया शुरू होते ही कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए।
'बीजेपी नेताओं ने राय शुमारी नहीं की, डोंगरगढ़ से लड़ेंगे चुनाव'
इस दौरान जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर ने कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप यह कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम उठाने के लिए उन्हें बीजेपी नेताओं ने मजबूर किया है। राजेश श्यामकर ने आरोप लगाते हुए कहा कि डोंगरगढ़ में टिकट वितरण को लेकर बीजेपी ने कार्यकर्ताओं से राय शुमारी नहीं की और अपने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप आज नाम निर्देशन पत्र दाखिल कर डोंगरगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि बीजेपी यहां तीसरे स्थान पर रहेगी।
डोंगरगढ़ में बिगड़ सकते हैं बीजेपी के समीकरण
बड़ी संख्या में जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर के साथ उनके समर्थक और कार्यकर्ता रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। राजेश श्यामकर के बगावत के बाद अब डोंगरगढ़ की बीजेपी के राजनीतिक समीकरण में बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं। एक ओर जहां पूर्व विधायक विनोद खांडेकर बीजेपी के प्रत्याशी घोषित हो गए हैं, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी नेता राजेश श्यामकर भी डोंगरगढ़ विधानसभा से नाम निर्देशन पत्र दाखिल करेंगे। इस क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य होने के चलते राजेश श्यामकर की भी क्षेत्र में अच्छी पैठ है और उनके सैकड़ों समर्थक हैं। ऐसी स्थिति में यहां अगर राजेश श्यामकर चुनाव मैदान में बने रहते हैं तो बीजेपी को नुकसान होने की संभावना दिखाई दे रही है।