BHOPAL. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को ठग बताया था। सीएम के इस बयान पर कांग्रेस ने पटलवार करते हुए शिवराज को घोटालाराज बताया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने शुक्रवार, 13 अक्टूबर को पीसीसी में मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा कि रोज सोचता हूं कि मप्र के 18 साल के शिवराज शासनकाल का कोई तो अच्छा काम होगा, जिस विषय पर मीडिया से वार्ता करूंगा, लेकिन मैं हर रोज गलत साबित हो जाता हूं। हर रोज शिवराज सरकार का भ्रष्टाचार, अनाचार, दुराचार खबर की शक्ल में सामने आ जाता है।
अब आज आदिम जाति कल्याण विभाग का भ्रष्टाचार सामने आ गया है, जिसमें 10 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। सात साल से सह-आयुक्त रहे आठ अफसरों पर कोर्ट ने भी भ्रष्टाचार का केस दर्ज करने का आदेश जारी किया है, जिसमें कोर्ट ने कहा कि नियम विरुद्ध उन्होंने खाते से ही आहरण राशि जारी रखी।
...ये पैसा सिंधिया वाले गद्दारों को खरीदने के काम तो नहीं आता था
राजपूत ने आरोप लगाते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री का सभी तरह के भ्रष्टाचारियों को सरंक्षण प्राप्त है। अधिकारी खुलेआम नियम विरुद्ध खाता खोलते थे और उससे राशि खुद ही निकालते थे। शिवराज जी ये पैसा किसको जाता था। कहीं ये पैसा सिंधिया वाले गद्दारों को खरीदने के काम तो नहीं आता था।
आदिवासी विभाग में अत्याचार की पराकाष्ठा हुई
राजपूत ने कहा कि शिवराज जी आपके शासन में तो आदिवासियों पर अत्याचार की और आदिवासी विभाग में अत्याचार की पराकाष्ठा हुई है। मप्र में सबसे अधिक आदिवासी समाज के लोग अनादिकाल से रह रहे हैं। किंतु पिछले 18 सालों की शिवराज सरकार में आदिवासी वीभत्स यातना, अमानवीय प्रताड़ना और आत्मा को छलनी करने वाले कुकृत्यों के शिकार हैं। और शिवराज सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। सत्ता के नशे में मदमस्त भाजपा नेताओं ने आदिवासी समाज के खिलाफ नरपिशाची कृत्यों की सारी हदें पार कर दी हैं।
'विदिशा में आदिवासियों पर गोली दागते हैं'
उन्होंने कहा, कभी आदिवासी समाज के लोगों को अपमानित करने के लिए सरेआम निर्ममता से उनके ऊपर पेशाब करते हैं और उसका वीडियो बनाकर वायरल भी करते हैं। कभी आदिवासियों के खिलाफ प्रतिशोध की आग में जल रही शिवराज सरकार विदिशा में आदिवासियों पर गोली दागते हैं और आदिवासी समाज के युवक को मौत के घाट उतारते हैं। कभी शिवराज सरकार आदिवासियों के जिलों में ऐसा अनाज बांटती है जो जानवरों के खाने लायक भी नहीं है।
शिवराज सरकार में आदिवासी जानवरों से भी बदतर?
कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या शिवराज सरकार में आदिवासी जानवरों से भी बदतर हो गए हैं? कभी शिवराज सरकार आदिवासी भाइयों के 3.22 लाख से अधिक वनाधिकारी पट्टे निरस्त करती है और आदिवासियों को दर-ब-दर भटकने पर मजबूर करती है। आदिवासी समाज अपने स्वाभिमान के लिए जल, जगंल, जमीन की लड़ाई लड़ रहा है। इस लड़ाई में कांग्रेस पार्टी आदिवासी समाज के साथ दृढ़ता के साथ खड़ी है।