सीजीपीएससी धांधली की सीबीआई जांच की मांग करना बीजेपी की बड़ी सियासी चाल, युवा वोटर्स और उनके परिजनों पर पड़ेगा असर

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 सीजीपीएससी धांधली की सीबीआई जांच की मांग करना बीजेपी की बड़ी सियासी चाल, युवा वोटर्स और उनके परिजनों पर पड़ेगा असर

गंगेश द्विवेदी,   RAIPUR. छत्‍तीसगढ़ पीएससी में धांधली मामले को लेकर पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो यह मामला ऐसे ही ट्वीट करने का नहीं है, बल्कि 18 से 35 साल के वोटर्स और उनके परिजनों को प्रभावित करने को लेकर उठाया गया एक सियासी कदम है।

ईडीआईटी के बाद सीबीआई के सक्रिय होने की संभावना

डॉ. रमन बीजेपी के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष हैं, और उनके नेतृत्‍व में ही बीजेपी ने तीन बार प्रदेश में सरकार बनाई। 2018 के प्रदर्शन को छोड़ दिया जाए तो डॉ. रमन सिंह बीजेपी के सफल नेताओं में शुमार हैं। माना जा रहा है डॉ. रमन सिंह के ट्वीट को केंद्र सरकार गंभीरता से लेगी। ईडी आईटी के बाद अब सीबीआई भी प्रदेश में सक्रिय हो सकती है।

 पीएससी में धांधली को बीजेपी ने जोर-शोर से उठाया

सीजीपीएससी में धांधली का मामला छत्‍तीसगढ़ में तूल पकड़ चुका है। पूर्व आईएएस और बीजेपी के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने इस मसले को जोर-शोर से उठाया। वहीं इस मामले में शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रदेश स्‍तरीय प्रदर्शन रायपुर में किया। वहीं तमाम प्रतियो‍गी परीक्षाओं में शामिल होने वाले लाखों यूथ के फेसबुक, ट्वीटर और अन्‍य सोशल मीडिया अकाउंट इस परीक्षा में हुई धांधली के सबूतों से भरे पड़े हैं।

पीएससी घोटाला का युवा वोटर्स पर पड़ेगा असर

कई कोचिंग संस्‍थान सहित बच्‍चों के परिजन भी पीएससी मेंस परीक्षा की कापी सोशल मीडिया में वायरल कर रहे हैं।19 से 22 वर्ष के यूथ वोटर्स 18.38 लाख हैं। जो कुल वोटर्स पहली बार मतदान करेंगे, यह पीएससी घोटाले से सबसे ज्‍यादा प्रभावित होने वाली आबादी है। वहीं 18 से 35 वर्ष तक की आयु के लोगों की संख्‍या 50 लाख से अधिक है जो प्रदेश के कुल वोटर्स का 25 फीसदी से अधिक हिस्‍सा है। वहीं इनके साथ इनके परिवार और रिश्‍तेदारों को जोड़ दें तो इस मुद्दे का प्रभाव 50 फीसदी से अधिक वोटर्स तक होता दिख रहा है।

बीजेपी को मिल सकता है सियासी फायदा

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अब अगर इस मसले में सीबीआई की रेड पड़ी, तो कांग्रेस के पास ईडी की कार्रवाई की तरह गैरभाजपाई राज्‍यों में कार्रवाई वाला घिसा-पिटा बहाना भर रह जाएगा। बीजेपी इसका पॉलीटिकल माइलेज लेने में कामयाब हो सकती है।

कांग्रेस के पास नहीं है ठोस जवाब

इस मामले में मुख्‍यमंत्री भूपेश और कांग्रेस के पास ठोस जवाब नहीं है। कांग्रेस की संचार टीम इस बात का खंडन तो कर रही है, लेकिन उनके पास अपने पक्ष में कुछ गरीब बच्‍चों के चयन का उदाहरण देने के अलावा कोई ठोस तर्क नहीं है। मुख्‍यमंत्री भूपेश भी इस मामले में यही बोल पाए हैं कि पिछली सरकार में भी पीएससी में धांधली हुई थी, जिसकी जांच भी ईओडब्‍लयू को सौंप रखा है, लेकिन परीक्षार्थियों के कमेंट्स और पोस्‍ट देखें तो वे यह सवाल खड़ा करते दिखाई देते हैं, कि पिछली सरकार के कार्यकाल में धांधली होने से क्‍या इस सरकार को भी धांधली करने की पूरी छूट मिल जाती है।

परीक्षार्थियों के सवालों का सरकार के पास जवाब नहीं

 परीक्षार्थियों के इन सवालों का जवाब कांग्रेस और सरकार दोनों के पास नहीं है। इस तर्क को भी परीक्षार्थी अब मानने को तैयार नहीं हैं कि अफसरों के बच्‍चों ने अपने टैलेंट के दम पर परीक्षा निकाली होगी। क्‍योंकि आरटीआई के तहत निकाली गई पीएससी मेंस की कापियां बता रही हैं कि कॉपी जांचने वालों ने किस तरह आंखें मूंद कर नंबर बांटे हैं। अफसरों के बच्‍चों और रिश्‍तेदारों को गलत जवाब पर भी नंबर दिया गया है, और सहीं जवाब लिखने वाले परीक्षार्थियों को जीरो पकड़ा दिया है या नंबर कम कर दिए हैं।

 पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह का ट्वीट !

'आज माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi को पत्र लिखकर लोक सेवा आयोग (CGPSC) में हुई धांधली की CBI जांच करवाने का आग्रह किया। दाऊ @bhupeshbaghel की सरकार ने छत्तीसगढ़ में सीजीपीएसी जैसी संवैधानिक संस्थान को भी भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। प्रदेश के युवाओं को न्याय दिलवाने और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करवाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।'

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