BETUL. डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अब 'शिवराज सरकार' से आर- पार की जंग के मूड में आ गई हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है तो वे 28 सितंबर को भूख हड़ताल करेंगी। उन्होंने ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 22 जून को नौकरी से इस्तीफा दिया था, लेकिन सरकार ने इसे नामंजूर कर दिया। इसे लेकर निशा बांगरे ने 25 सितंबर को समर्थकों के साथ रैली निकाली और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान वे अपने छोटे बेटे को गोद में लिए हुए थीं।
हाईकोर्ट का आदेश
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर का ताजा आदेश सामने आया है। कोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को आदेश दिया है कि वह निशा बांगरे के खिलाफ चल रही जांच को 10 दिन में खत्म कर इस्तीफे पर अंतिम फैसला करें और इसके क्रियान्वयन की रिपोर्ट 9 अक्टूबर तक कोर्ट के सामने पेश करें।
आदेश में यह भी कहा
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, एक अंतरिम उपाय के रूप में यह निर्देश दिया जाता है कि यदि याचिकाकर्ता आज से 3 दिन के भीतर प्राधिकरण यानी प्रतिवादी नंबर 2 ( सामान्य प्रशासन विभाग ) के पास जाता है और आरोपों को स्वीकार करता है, तो प्रतिवादी नंबर 2 अगले 10 दिन में अनुशासनात्मक कार्यवाही समाप्त करेगा। और लिस्टिंग की अगली तारीख तक उसका परिणाम रिकॉर्ड पर लाएगा।
निशा बांगरे ने 22 जून को दिया था इस्तीफा
दरअसल, छतरपुर जिले में तैनात एसडीएम निशा बांगरे ने 22 जून 2023 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह आरोप लगाया था कि उन्हें अपने पैतृक जिले बैतूल में घर के गृह प्रवेश के दौरान सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। उस वक्त राज्य सेवा की अधिकारी निशा बांगरे छतरपुर में तैनात थीं। वह मूल रूप से बैतूल जिले के आमला की रहने वाली हैं। अभी वह बच्चे की देखभाल के लिए अवकाश पर हैं।
रैली निकाली कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
निशा बांगरे के इस्तीफे को सरकार ने अस्वीकार कर दिया है। इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 25 सितंबर को निशा बांगरे ने अपने समर्थकों के एक समूह के साथ छोटे बेटे को गोद में लेकर एक रैली निकाली। साथ ही जिला कलेक्टर बैतूल को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें दावा किया गया कि उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार है। निशा बांगरे ने कहा कि अगर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है कि वह 28 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठेंगी।
कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
इस्तीफा देने के बाद बांगरे ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। साथ ही कोर्ट से आग्रह किया है कि हमारा इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए और मामले में अगली सुनवाई इस साल नौ अक्टूबर को होनी है। निशा बांगरे के मामले में जीएडी की प्रमुख सचिव दीप्ति गौर मुखर्जी ने कहा कि इस्तीफा कुछ दिन पहले ही खारिज कर दिया गया था और उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।