सहारा से पीड़ित निवेशकों के लिए आई अच्छी खबर, 25 हजार करोड़ कब्जे में लेकर पीड़ितों को बंटवाएगी सरकार

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Pratibha Rana
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सहारा से पीड़ित निवेशकों के लिए आई अच्छी खबर, 25 हजार करोड़ कब्जे में लेकर पीड़ितों को बंटवाएगी सरकार

BHOPAL. देश में सबसे चर्चित घोटालों में से एक सहारा घोटाले से लोग काफी समय से परेशान थे। कई बरसों से पैसा दबाए सहारा समूह अपने निवेशकों को खून के आंसू रुलाए रहा था। उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ रही है। हालांकि केंद्र सरकार ने लोगों द्वारा इनवेस्ट किया गए पैसा, जो डूब गया था, उसके लिए 'सहारा रिफंड पोर्टल' बनाया ताकि इन लोगों का पैसा वापस मिल सकें। अब इन निवेशकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, सहारा से पीड़ित निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट में पड़ी लावारिस रकम को अपने कब्जे में ले सकती है।

सहारा के पैसों पर सरकार का बड़ा फैसला!

दरअसल सहारा ग्रुप के संस्थापक सुब्रत रॉय सहारा के निधन के बाद कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के अकाउंट में पड़ी लगभग 25000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बिना बंटी हुई रकम फिर से चर्चा में है। सेबी के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक बैंकों में 25,163 करोड़ रुपए जमा है। अब इस पैसे का क्या होगा, इसी को लेकर बड़ा सवाल है। हर निवेशक इस सवाल का जवाब जानना चाह रहा है। इस बीच इन निवेशकों के लिए गुड न्यूज है। सहारा के 25,163 करोड़ रुपए सरकार अपने खाते में ट्रांसफर कर सकती है। इस फंड का इस्तेमाल जनकल्याणकारी योजना में भी किया जा सकता है।

इतने लाख इन्वेस्टर्स को हुआ रिफंड

जानकारी के मुताबिक कुल 2.5 लाख निवेशकों को लगभग 230 करोड़ का भुगतान हो चुका है। बता दें, सहारा समूह से 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा वसूल किए गए थे। 31 मार्च तक समूह से वसूल की गई और सरकारी बैंकों में जमा की गई कुल राशि 25,163 करोड़ रुपए थी। इसमें से 48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों पर 138 करोड़ रुपए ही निवेशकों को लौटाए गए थे। इसके लिए सरकार ने 'सहारा रिफंड पोर्टल' भी शुरू किया था।

क्या है सहारा इंडिया पूरा केस?

सहारा रिफंड पोर्टल कि शुरुआत गोरखपुर से1978 में हुई थी। कंपनी जब शुरू हुई थी, तब बहुत कम लोग इसके बारे में जानते थे। हालांकि बाद में इस कंपनी ने लोगों के बीच अपनी एक पहचान बनाई। काम था गांव कस्बों में लोगों से पैसे लेकर उसपर रिटर्न देना। उत्तर प्रदेश के छोटे-छोटे लोग सहारा से जुड़ने लगे। इस उम्मीद पर कि उनको निवेश के बदले अच्छी बड़ी रकम मिलेगी। सहारा की चिट फंड कंपनी बेहद कम समय में ही काफी मशहूर होने लगी। इसकी वजह भी थी। सहारा ने लोगों को उनके निवेश पर मार्केट के मुकाबले काफी ज्यादा ब्याज दर दी।

14 नवंबर को हुआ था सुब्रत रॉय का निधन

सुब्रत रॉय सहारा का मुंबई में कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण 14 नवंबर 2023 को रात में निधन हो गया था। वे 12 नवंबर से कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (केडीएएच) में भर्ती थे। सुब्रत रॉय सहारा को मेटास्टैटिक स्‍ट्रोक, हाई ब्‍लड प्रेशर और डायब‍िटीज की समस्‍याएं थीं। पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया के खिलाफ लोगों के पैसों का कई सालों से भुगतान नहीं करने का एक मामला चल रहा है। लोगों ने ये पैसे कंपनी की कई स्कीमों में लगाए थे। केस में पटना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। साथ ही उनके खिलाफ आगे किसी तरह की कार्रवाई को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। सुब्रत रॉय के खिलाफ इसी तरह का एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहले से चल रहा था। वे जमानत पर बाहर थे, वहीं निवेशकों के पैसे लौटाने को लेकर सहारा इंडिया का दावा है कि वह सारी रकम सेबी के पास जमा करा चुकी है।

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