इंदौर का शुक्ला परिवार, जिसे बीजेपी से 4 और कांग्रेस से मिले 3 MLA और एक महापौर टिकट

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Pratibha Rana
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इंदौर का शुक्ला परिवार, जिसे बीजेपी से 4 और कांग्रेस से मिले 3 MLA और एक महापौर टिकट

संजय गुप्ता@ INDORE.

इंदौर की विधानसभा तीन से गोलू उर्फ राकेश शुक्ल को बीजेपी ने टिकट दिया है। उनके चचेरे भाई संजय शुक्ला कांग्रेस से इंदौर विधानसभा एक से विधायक है और कांग्रेस ने उन्हें फिर टिकट दिया है। इंदौर का शुक्ला परिवार बीजेपी और कांग्रेस दोनों में सक्रिय है। इस परिवार के मुखिया स्वर्गीय पंडित विष्णुप्रसाद शुक्ला बीजेपी और जनसंघ के पुराने नेता रहे हैं और इंदौर में पार्टी को स्थापित करने में उनकी अहम भूमिका रही है। साथ ही ब्राहमण समाज के वह भी सम्मानित नेता रहे हैं। इस परिवार को अभी तक बीजेपी से चार बार विधानसभा टिकट मिले हैं तो कांग्रेस से तीन बार साथ ही महापौर का भी टिकट मिला है। लेकिन जीत अभी एक ही बार नसीब हुई वह भी कांग्रेस के खाते से।

बीजेपी से शुक्ला परिवार का विधानसभा का यह चौथा टिकट

- पंडित शुक्ला को बीजेपी ने 1985 और 1990 में दो बार इंदौर विधानसभा दो से टिकट दिया। 1985 में शुक्ला कांग्रेस के कन्हैया यादव से और 1990 में सुरेश सेठ से चुनाव हार गए थे।

- इसके बाद शुक्ला के बेटे राजेंद्र शुक्ला को 2003 में बीजेपी ने विधानसभा तीन से टिकट दिया लेकिन तब कांग्रेस के अश्विन जोशी ने उन्हें 4962 वोट से हरा दिया था।

- अब बीजेपी ने इस परिवार से गोलू शुक्ला को विधानसभा तीन से टिकट दिया है। राजेंद्र शुक्ला, गोलू के चचेरे भाई और कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के भाई है। राजेंद्र शुक्ला बीजेपी से पार्षद भी रहे हैं।

 कांग्रेस से शुक्ला परिवार को विधानसभा का तीसरा टिकट

- शुक्ला परिवार की ओर से संजय शुक्ला ही कांग्रेस में हैं। उन्हें पार्टी ने 2008 में विधानसभा टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गए थे। साल 2013 में उन्हें टिकट नहीं मिला, लेकिन पार्टी ने साल 2018 में फिर टिकट दिया और इस बार वह चुनाव जीते। विधानसभा चुनाव जीतने वाले वह शुक्ला परिवार के पहले सदस्य बने।

- कांग्रेस ने जुलाई 2022 में महापौर प्रत्याशी के लिए भी उन्हें चुना और टिकट दिया, हालांकि वह महापौर का चुनाव हार गए।

- शुक्ला को एक बार फिर कांग्रेस ने 2023 चुनाव के लिए विधानसभा एक से टिकट दिया है।

दो चचेरे भाई एक बार फिर आमने-सामने

साल 2003 में बीजेपी से राजेंद्र शुक्ला और कांग्रेस से अश्विन जोशी विधानसभा तीन में आमने-सामने थे। अब 20 साल बाद फिर चचेरे भाई आमने-सामने हैं। शुक्ला के चचेरे भाई गोलू शुक्ला बीजेपी की ओर से प्रत्याशी है तो वहीं जोशी के चचेरे भाई पिंटू जोशी अब कांग्रेस की ओर से विधानसभा तीन से आमने-सामने हैं। दोनों पंडित भी है और विधानसभा तीन में इनके वोट बैंक अहम है। ऐसे में इस बार फिर यह लड़ाई रोचक होने वाली है।

शुक्ला परिवार पर टिप्पणी गुप्ता को पड़ी थी भारी

पंडित शुक्ला बीजेपी के लिए काफी सम्मानित और बड़े नेता रहे हैं। लेकिन साल 2018 के चुनाव के दौरान बीजेपी प्रत्याशी सुदर्शन गुप्ता ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद नतीजा यह रहा है कि गुप्ता वह चुनाव हार गए और कांग्रेस से खड़े संजय शुक्ला चुनाव जीत गए। शुक्ला परिवार से पहला विधानसभा चुनाव जीतने वाले व्यक्ति बने। बीजेपी प्रत्याशी बनने के बाद कैलाश विजयवर्गीय, पंडित शुक्ला के घर गए और उनकी फोटो पर माल्यार्पण कर श्रृंद्धजालि अर्पित की। इसी तरह मालिनी गौड़ भी वहां गई थी।

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