वेंकटेश कोरी, JABALPUR. कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा होते ही विरोध की आवाजें भी उठने लगी हैं। कांग्रेस की दूसरी सूची में जैसे ही जबलपुर कैंट और पनागर के लिए प्रत्याशियों के नाम सामने आए वैसे ही पहले से ही टिकट की दावेदारी कर रहे नेता और उनके समर्थक आलाकमान के फैसले के खिलाफ लाम बंद होते दिख रहे हैं। दरअसल 88 प्रत्याशियों की दूसरी सूची में जबलपुर के कैंट से अभिषेक चौकसे चिंटू और पनागर क्षेत्र से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है, जिससे नाराज नेता सोशल मीडिया में खुलकर बयान बाजी कर रहे हैं। दोनों ही सीटों से कांग्रेस ने नए चेहरों को मौका दिया है। कैंट क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए गए अभिषेक चौकसे चिंटू जहां पूर्व में छावनी परिषद यानी कैंट बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे हैं तो वहीं राजेश पटेल ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं और वे एक बार जिला पंचायत के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
बीजेपी को जिताने कांग्रेस के प्रत्याशी बने राजेश पटेल!
पनागर विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने वाले कांग्रेस नेता विनोद श्रीवास्तव ने प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद खुलकर कांग्रेस संगठन पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पनागर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी बनाए गए राजेश पटेल पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बीजेपी के प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए ही वे कांग्रेस के प्रत्याशी बने हैं, इसके पहले भी मौजूदा कांग्रेस प्रत्याशी राजेश पटेल ने पनागर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी विरोधी काम भी किया था जिसके चलते उनका निष्कासन भी किया गया था। पूर्व के विधानसभा के तीन चुनावों में लगातार उन्होंने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ काम किया। जिसका सीधे तौर पर फायदा बीजेपी को मिला और पनागर विधानसभा क्षेत्र से लगातार बीजेपी की जीत हो रही है।
दिग्विजय सिंह समर्थक वीरेंद्र चौबे लड़ सकते हैं निर्दलीय चुनाव
टिकट वितरण से नाराजगी पनागर क्षेत्र में सबसे ज्यादा दिख रही है। कांग्रेस नेता विनोद श्रीवास्तव ने जहां कल ही अपना इस्तीफा दे दिया तो वहीं दिग्विजय सिंह के समर्थक माने जाने वाले वीरेंद्र चौबे भी प्रत्याशी चयन से नाखुश नजर आ रहे हैं। प्रत्याशी चयन से असंतुष्ट नेता अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। चौबे ने कहा है कि टिकट वितरण से उनके समर्थक और प्रशंसकों में काफी निराशा का भाव है और वे लगातार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने के लिए दबाव बना रहे हैं। जल्द ही समर्थकों के साथ बैठक कर फैसला लिया जाएगा और उनकी मंशा के अनुरूप ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
प्रोफाइल बड़ी नहीं लेकिन सक्रियता रही बरकरार
पनागर विधानसभा क्षेत्र में नाराज दोनों ही नेता विनोद श्रीवास्तव और वीरेंद्र चौबे की प्रोफाइल बड़ी नहीं है, लेकिन पार्टी के कार्यक्रमों से लेकर बड़े नेताओं के साथ उनकी मौजूदगी हमेशा रही है। बड़े नेताओं के आगमन से लेकर पार्टी के बड़े आंदोलन में दोनों ही नेता लगातार सक्रिय रहते रहे हैं, लेकिन अब प्रत्याशी चयन से नाखुश दोनों ही नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने का मन बना लिया है। अगर पनागर में दोनों ही नेता निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में ताल ठोकते हैं तो कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार बनाए गए राजेश पटेल के सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं क्योंकि पनागर विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण और कायस्थ वोटर अच्छी खासी तादाद में हैं, जो नतीजों के उलटफेर में अहम भूमिका निभा सकते हैं।