गंगेश द्विवेदी, RAIPUR. साजा से बीजेपी ने बिरनपुर हिंसा के पीड़ित ईश्वर साहू को चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस के लिए नई चुनौती खड़ी करने की तैयारी कर ली है। यहां बिरनपुर हिंसा में उनके बेटे भुनेश्वर साहू की मौत हुई थी। इसके बाद बिरनपुर में सांप्रदायिक तनाव भी फैला था। अभी वहां से कांग्रेस के मंत्री रविंद्र चौबे विधायक हैं। इस हिंसा के बाद से बिरनपुर न तो मंत्री चौबे गए थे और न ही जिले प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू। बीजेपी पीड़ित को टिकट देकर यहां से फायदा लेना चाहती है।
बीजेपी की दूसरी सूची में 64 प्रत्याशियों का ऐलान
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होते ही बीजेपी ने अपनी दूसरी 64 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इस दूसरी सूची में 15 पूर्व मंत्रियों, दो पूर्व आईएएस सहित पहली बार छत्तीसगढ़ के फिल्म उद्योग के सुपर स्टार और छत्तीसगढ़ के गोविंदा कहे जाने वाले अनुज शर्मा को मैदान में उतारा गया है। इस तरह अब बीजेपी की ओर से घोषित प्रत्याशियों की संख्या कुल 85 हो गई है। जबकि 5 सीटों पर अभी फैसला नहीं हो सका है। पहली लिस्ट में 21 प्रत्याशियों की घोषणा हुई थी। दोनों सूची को मिलाकर कुल 43 नए चेहरों को बीजेपी ने मौका दिया है।
पहली सूची में एक और दूसरी में 3 सांसदों को टिकट
बीजेपी की दूसरी लिस्ट में 3 सांसदों को भी टिकट दी गई है। पहली लिस्ट में एक सांसद विजय बघेल को टिकट दी गई थी। इस तरह कुल 4 सांसदों को टिकट मिल चुकी है। पिछले 11 विधायकों को रिपीट किया गया है। वहीं बिंद्रानवागढ़ के विधायक डमरुधर पुजारी की टिकट काटकर गोवर्धन राम मांझी को दी गई है, जबकि बेलतरा से टिकट जारी नहीं की गई है। यहां से रजनेश सिंह बीजेपी के विधायक हैं। सांसद रेणुका सिंह भरतपुर-सोनहत सीट से और गोमती साय को पत्थलगांव विधानसभा सीट से टिकट दी गई है। वहीं सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव लोरमी सीट से चुनाव लड़ेंगे।
साहू समाज से 5 को टिकट
दूसरी सूची में पांच साहू को टिकट दी गई है। छत्तीसगढ़ में ओबीसी समाज को साधने के लिए ही साहू समाज से अरुण साव को भी प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। दोनों सूची में कुल 8 साहू को टिकट मिली है।
30 आदिवासी मैदान में
छत्तीसगढ़ में कुल 29 आदिवासी सीटें हैं, लेकिन अब तक की घोषित 85 सीटों में से 30 आदिवासी सीटों पर नाम बीजेपी ने घोषित किए हैं। अनुसूचित जाति की 10 सीटें हैं, दसों में नाम घोषित कर दिए गए हैं। 31 ओबीसी वर्ग के कैंडीडेट्स को टिकट दिए गए हैं।
14 महिलाओं को टिकट
अब तक घोषित 85 टिकटों में 14 महिलाओं को बीजेपी ने टिकट दिया है। पहली लिस्ट में पांच महिलाओं को टिकट मिली थी, आज की लिस्ट में 9 महिलाओं को टिकट दी गई है। इस हिसाब से कुल 14 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया गया है।
श्रीचंद का नाम कटा, पुरंदर मिश्रा को टिकट
रायपुर की चारों सीटों में रायपुर उत्तर से पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी प्रबल दावेदार थे। सिंधी समाज इनकी टिकट के लिए प्रयासरत था, लेकिन उनकी जगह ओड़िया समाज से पुरंदर मिश्रा को यहां मौका मिला है। यहां से शदाणी दरबार के उदय शदाणी, श्रीचंद सुंदरानी, संजय श्रीवास्तव, देवजी पटेल का नाम था। रायपुर दक्षिण से लगातार सात बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल का नाम तय ही था। यहां कोई दूसरा नाम नहीं था। रायपुर पश्चिम से राजेश मूणत को एक बार फिर मौका मिला है। ग्रामीण से मोलीलाल साहू को टिकट मिल गई है। यहां से अमित साहू का नाम भी चल रहा था।
मोदी का फार्मूला किनारे 77 साल के ननकी मैदान में
गृहमंत्री रहते हुए अपने विवादास्पद बयानों के लिए विख्यात मंत्री ननकीराम कंवर के लिए बीजेपी ने अपने कुछ उसूल दरकिनार कर दिए। बीजेपी में 75 साल से अधिक उम्र के दावेदार को टिकट नहीं देने का चलन है, लेकिन रामपुर से 77 साल के ननकीराम कंवर को बीजेपी ने टिकट दिया है। ननकीराम कंवर हाल ही में पीएससी को लेकर हाईकोर्ट में लड़ने के कारण काफी चर्चा में हैं।
छत्तीसगढ़ का गोविंदा मैदान में
बीजेपी ने अपने टिकट वितरण में इस बार ग्लैमर का तड़का भी लगाया है। छत्तीसगढ़ फिल्मों के गोविंदा एक्टर अनुज शर्मा को धरसींवा से चुनावी मैदान में उतारा है। अनुज शर्मा को टिकट देकर ब्राह्मणों को साधने की कवायद की गई। अभी यहां से झीरमकांड में शहीद योगश शर्मा की पत्नी अनिता शर्मा विधायक हैं, यहां का रिकॉर्ड ब्राम्हण विधायकों का ज्यादा रहा है। बीजेपी की एक सूची वायरल होने के बाद अनुज का विरोध भी हुआ था, फिर भी बीजेपी ने उन्हें टिकट देकर भरोसा जताया है।
दो पूर्व आईएएस को टिकट
बीजेपी ने दो पूर्व आईएएस को मौका दिया है। नीलकंठ टेकाम को केशकाल से और ओपी चौधरी को रायगढ़ से मैदान में उतारा है। ओपी चौधरी पिछले चुनाव में ही बीजेपी में आ चुके थे, जबकि नीलकंठ टेकाम ने हाल ही में बीजेपी जॉइन की है।
जूदेव परिवार से दो टिकट
जूदेव परिवार से दो लोगों को टिकट दी गई है। प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को कोटा से मौका दिया गया है, जबकि संयोगिता सिंह जूदेव को चंद्रपुर से मौका दिया गया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के भांजे विक्रम सिंह को खैरागढ़ से टिकट दी गई है।
लोरमी से प्रदेश अध्यक्ष लड़ेंगे चुनाव
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के बारे में यह बात चर्चा में थी कि वे विधानसभा चुनाव लड़ने के जबर्दस्त इच्छुक हैं। क्योंकि छत्तीसगढ़ में ट्रेंड रहा है कि जिस प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाता है। बहुमत आने पर उसे मुख्यमंत्री बनाया जाता है। 2003 में रमन सिंह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे। बहुमत आया तो वही सीएम बने और 15 साल तक राज किया। 2018 में भूपेश बघेल पीसीसी चीफ थे, मुख्यमंत्री बने, अब साय भी इसी उम्मीद में सांसदी छोड़कर चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। उनकी मुराद पार्टी ने पूरी कर दी। लोरमी से उन्हें इसलिए उतारा जा रहा है क्योंकि यहां साहू बाहुल्य सीट है। यहां धर्मजीत सिंह की जबर्दस्त पकड़ है। धर्मजीत सिंह को तखतपुर से लड़ाकर लोरमी से अरुण साव को देने पर बीजेपी फायदा ही होगा। धर्मजीत सिंह यहां की आसपास की सीटों पर अच्छा प्रभाव रखते हैं। वहीं पूर्व अध्यक्ष विष्णुदेव साय को कुनकुरी से लड़ाकर जशपुर जिले की तीनों सीटों पर जीत हासिल हो इसकी तैयारी की गई है।
5 सीटों पर पेंच
बेमेतरा, पंडरिया, कसडोल, अंबिकापुर और बेलतरा से अभी प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं हो पाए। बताते हैं कि पांच सीटों पर पेंच फंस गया है। स्थानीय और जातिगत समीकरणों के चलतेबाद में नाम घोषित किए जाएंगे। बीजेपी की तीसरी सूची दो-तीन दिन में जारी होने की उम्मीद है।