अरुण तिवारी, BHOPAL. महिला आरक्षण बिल भले ही संसद के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित हो गया हो, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के तेवर ठंडे नहीं पड़ रहे। उमा भारती ने पिछड़े वर्ग के लोगों की बैठक बुलाकर ये साफ भी कर दिया है। उमा भारती ने पिछड़े वर्ग के लोगों से पूरा समर्थन मांगा है ताकि उनकी लड़ाई मजबूती से लड़ी जा सके। उमा भारती ने कहा कि 33 फीसदी आरक्षण को तभी लागू होने दिया जाएगा, जब इसमें एक संशोधन और किया जाए। उमा ने कहा कि पिछड़े वर्ग और एससी-एसटी को मिलाकर इस बिल में 50 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए।
उमा ने सुझाया इस तरह का आरक्षण
उमा ने कहा कि बहुत अच्छी बात है कि महिला आरक्षण बिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पारित हुआ है। लेकिन इसमें एक और संशोधन की आवश्यकता है। उमा बोलीं कि वे देश की 60 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं और उनके साथ अन्याय नहीं होने दे सकतीं। उमा ने कहा कि 33 फीसदी को यदि सौ फीसदी मान लिया जाए तो उसमें 27 फीसदी ओबीसी और 23 फीसदी एससी-एसटी को आरक्षण मिलना चाहिए। उमा ने कहा कि स्पेशल प्रावधान के साथ ये संशोधन हो सकता है। उमा ने इस संबंध में पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है। उमा भारती 25 सितंबर को भोपाल में नहीं हैं और न ही वे इस संबंध में मोदी से मिलने वाली हैं। उमा ने कहा कि उनको उम्मीद है कि उनकी बात मानी जाएगी।
विधानसभा चुनाव में मांगे पचास फीसदी टिकट
उमा ने कहा कि उनकी सीएम शिवराज के साथ कोई जुगलबंदी नहीं है। विधानसभा चुनाव में भी 50 फीसदी टिकट महिला, ओबीसी, एससी-एसटी को दिया जाना चाहिए। उमा ने कहा कि जब सामान्य सीटों पर आदिवासी आबादी सामान्य वर्ग को वोट दे सकती है तो फिर सामान्य वर्ग एससी-एसटी को वोट क्यों नहीं दे सकता। इसमें तो कोई आरक्षण कानून की जरूरत नहीं है। सीएम और पार्टी संगठन ऐसा कर सकते हैं।