लोकसभा में कांग्रेस अपनाएगी बीजेपी का फॉर्मूला, कमलनाथ-दिग्विजय समेत करीब दर्जनभर नेता लड़ सकते हैं चुनाव, जीतू के लिए यह ऑप्शन

author-image
BP Shrivastava
New Update
लोकसभा में कांग्रेस अपनाएगी बीजेपी का फॉर्मूला, कमलनाथ-दिग्विजय समेत करीब दर्जनभर नेता लड़ सकते हैं चुनाव, जीतू के लिए यह ऑप्शन

BHOPAL. कांग्रेस, बीजेपी के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनाए फॉर्मूले पर ही लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसके तहत पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह समेत करीब दर्जनभर बड़े नेताओं का महासंग्राम में उतरना तय माना जा रहा है। इस फेहरिस्त में कांग्रेस के वे सीनियर नेता भी शामिल होंगे, जो विधानसभा चुनाव में हार चुके हैं।

कांग्रेस की संभावित लिस्ट में कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह (राहुल भैया), अरुण सिंह आदि के नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा केपी सिंह, कमलेश्वर पटेल, तरुण भनोत, हिना कांवरे समेत उन नेताओं के नाम शामिल हैं, जो सीनियर हैं और विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं।

कांग्रेस ने संभावित दावेदारों के नाम 31 जनवरी तक मंगाए

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने की बात सामने आई थी। इस बैठक में पार्टी के जिला और ब्लॉक अध्यक्ष भी मौजूद थे। जितेंद्र सिंह ने लोकसभा समन्वयकों से पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संभावित दावेदारों के नाम 31 जनवरी तक देने के लिए कहा है।

सीनयर्स को उतारने से कांग्रेस मुकाबले में रहेगी

सीनियर लीडर्स को लोकसभा चुनावी मैदान में उतारने के पीछे कांग्रेस का कहना है कि ये नेता जिस सीट से चुनाव लड़ेंगे, वहां वे कार्यकर्ताओं को एकजुट कर बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। इसका बाकी सीटों पर भी प्रभाव पड़ेगा। ये भी तर्क है कि जिस तरह बीजेपी चुनाव की तैयारी कर रही है, उससे मुकाबला करने के लिए दिग्गज नेताओं के अनुभव की जरूरत है। हालांकि, कांग्रेस ने 2019 में भी 6 बड़े नेताओं को टिकट दिया था, लेकिन वे सभी चुनाव हार गए थे।

कांग्रेस को फायदा ही होगा

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस के सामने 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही विषम परिस्थितियां हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस केवल गुना-शिवपुरी और छिंदवाड़ा सीट ही जीत सकी थी। 2019 में उसने गुना-शिवपुरी सीट भी गंवा दी और अब छिंदवाड़ा तक सिमट गई है। हालांकि राजनीतिक परिस्थितियां बदलती रहती हैं, लेकिन मौजूदा हालात में बड़े नेताओं को चुनाव लड़वाने से कांग्रेस को नुकसान की कोई गुजाइंश नहीं है, बल्कि फायदा ही होगा।

कौन-कहां से हो सकता है लोकसभा चुनाव में...

छिंदवाड़ा में नकुलनाथ की जगह मैदान में उतर सकते हैं कमलनाथ

छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ है। इस बार विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने छिंदवाड़ा जिले की सभी सात सीटों पर कब्जा जमाया है। इस समय कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ यहां से सांसद हैं। बीजेपी कमलनाथ के गढ़ में सेंध लगाने की हरसंभव कोशिश कर रही है।

विधानसभा चुनाव के तत्काल बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छिंदवाड़ा पहुंचे थे। उन्होंने दावा किया था कि इस बार बीजेपी छिंदवाड़ा समेत लोकसभा की पूरी 29 सीटें जीतेगी। सियासी हालात को देखते हुए माना जा रहा है कि कांग्रेस छिंदवाड़ा से एक बार फिर कमलनाथ को मैदान में उतार सकती है।

दिग्विजय को भोपाल या राजगढ़ से मिलेगा टिकट

पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भोपाल या राजगढ़ से चुनाव लड़ाया जा सकता है। वे राज्यसभा सांसद हैं और उनका कार्यकाल 21 जून 2026 तक है। एक जानकार ने बताया कि दिग्विजय सिंह यदि पिछला चुनाव भोपाल की बजाय राजगढ़ से लड़ते तो शायद नतीजे उनके पक्ष में आ सकते थे।

ग्वालियर-चंबल में वापसी की कोशिश, गोविंद सिंह और सतीश सिकरवार को बनाया जा सकता है उम्मीदवार

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने अभियान का फोकस केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल पर करना शुरू कर दिया है। इसी के तहत कांग्रेस के बड़े नेताओं ने 9 जनवरी से 12 जनवरी तक ग्वालियर-चंबल का दौरा किया है। इसमें खुद प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी शामिल रहे। शुरुआत दतिया से हुई, जिसमें भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिले के दौरे पर रहकर सभी जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ संगठनात्मक बैठकें की गईं। इस क्षेत्र के कद्दावर कांग्रेस नेता डॉ. गोविंद सिंह को सक्रिय किया गया है। उन्हें ग्वालियर या मुरैना से चुनाव भी लड़ाया जा सकता है। हालांकि ग्वालियर से एक मजबूत कैंडिडेट के रूप में विधायक सतीश सिंह सिकरवार बाजी पलटने में कामयाब हो सकते हैं। सतीश ग्वालियर पूर्व से पार्टी के विधायक हैं और उनकी पत्नी शोभा सिकरवार ग्वालियर की मेयर हैं।

2019 में ग्वालियर चंबल की चारों लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था। मुरैना सीट से सांसद रहे नरेंद्र सिंह तोमर के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद अब एक सीट खाली है। गुना-शिवपुरी से केपी यादव, भिंड से संध्या राय और ग्वालियर से विवेक शेजवलकर सांसद हैं।

जीतू पटवारी को मिल सकता है राज्यसभा का टिकट

प्रदेश के 11 में से 5 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है। इन 5 सीटों में से 4 बीजेपी और 1 कांग्रेस के पास है। विधानसभा में सीटों के गणित के हिसाब से देखें तो सांसदों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी यही स्थिति रहेगी। विधानसभा में बीजेपी के 163 और कांग्रेस के 66 सदस्य हैं। राज्यसभा की पांचों सीट जीतने के लिए 190 सदस्यों के वोट चाहिए। स्पष्ट है कि बीजेपी के खाते में चार और कांग्रेस के खाते में एक सीट जाएगी। इस एक सीट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को राज्यसभा भेजा जा सकता है।

युवा और नए चेहरों को भी पार्टी दे सकती है मौका

कांग्रेस के एक केंद्रीय पदाधिकारी के मुताबिक, पार्टी आधे से ज्यादा सीटों पर नए चेहरों को मौका दे सकती है। दरअसल, बीजेपी ने इस विधानसभा चुनाव में कई युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। इसी तर्ज पर अब कांग्रेस भी लोकसभा में युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है। इसके लिए पार्टी गंभीरता से विचार कर रही है।

देवास से विपिन वानखेड़े का नाम

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि देवास लोकसभा सीट से पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े को मैदान में उतारा जा सकता है। इंदौर से सत्यनारायण पटेल या विशाल पटेल पर दांव लगाया जाएगा। सत्यनारायण एक बार सुमित्रा महाजन से बहुत मामूली अंतर से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। विशाल को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया गया था, लेकिन वे हार गए।

खजुराहो से आलोक चतुर्वेदी को टिकट देने की मांग

हाल ही में प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह के सामने छतरपुर के जिलाध्यक्ष महाप्रसाद पटेल ने कहा था कि खजुराहो सीट पर सबसे अच्छे प्रत्याशी आलोक चतुर्वेदी रहेंगे। मेरा मानना है कि वे जीतेंगे। उन्होंने तर्क दिया था कि छतरपुर की ही बात करें तो 8 विधानसभा में 50-50 हजार वोट मिले, यानी 4 लाख वोट हमारे पास हैं।

31 जनवरी को दिल्ली भेजी जाएगी समन्वयकों की रिपोर्ट

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने सभी 29 लोकसभा क्षेत्रों के लिए समन्वयक नियुक्त कर दिए हैं। इनका काम चुनाव से जुड़ी गतिविधियों को गति देना है। साथ ही स्थानीय स्तर पर लोकसभा प्रभारी, प्रदेश, जिला, ब्लॉक और मोर्चा-प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के बीच समन्वय बनाने का काम भी इनके जिम्मे है। इन्हें सामूहिक तौर पर तय उम्मीदवार का नाम भी प्रस्तावित करने को कहा गया है।



लोकसभा चुनाव 2024 Lok Sabha Elections 2024 Jitu Patwari जीतू पटवारी Kamal Nath-Digvijay Singh कमलनाथ-दिग्विजय सिंह Congress will adopt BJP's assembly formula Congress will field senior leaders in Lok Sabha elections कांग्रेस अपनाएगी बीजेपी का विधानसभा फॉर्मूला कांग्रेस सीनियर लीडर्स को उतारेगी लोकसभा चुनाव में