संजय गुप्ता, INDORE. मप्र-छग केंद्रीय गुरूसिंघ सभा के अध्यक्ष मोनू उर्फ हरपाल सिंह भाटिया द्वारा कराए जा रहे क्रिकेट टूर्नामेंट का समापन विवादों के साथ रविवार रात को हो गया। वह भी बिना फाइनल मैच के ही। सेमीफाइनल में जीती टीम प्रतापनगर के सदस्यों के साथ जिस तरह से गुंडागर्दी करते हुए मारपीट की गई, उसके बाद टीम ने फाइनल खेलने से इंकार कर दिया। जिसके बाद रविवार को बिना फाइनल मैचे के ही कुछ मेहमानों को बुलाकर टूर्नामेंट का समापन हो गया।
पूरे दिन भर आयोजक करते रहे प्रयास
रविवार को दिन भर आयोजक प्रतापनगर क्रिकेट टीम के साथ संपर्क करते रहे, उनके साथ बैठक कर मनाने की कोशिश की जाती रही। इसके लिए दबाव और प्रभाव सभी तरह का इस्तेमाल किया गया। लेकिन टीम ने यह कहकर उन्हें रवाना कर दिया कि इस मारपीट के बाद हमारे पास भी आत्मसम्मान भी तो बचा है, वहां खेलकर क्या उसे भी गंवा दें। उन्होंने आयोजकों को उलटे पैर वापस लौटा दिया।
शनिवार रात को हुआ था जमकर विवाद
शनिवार रात को मोनू के क्रिकेट टूर्नामेंट में प्रतापनगर क्रिकेट टीम के सदस्यों को जमकर पीटा गया, क्योंकि वहां चल रहे सट्टे को लेकर उन्होंने आपत्ति ली थी और यह टीम मैच जीत गई थी। पीड़ित पक्ष जब शिकायत के लिए अन्नपूर्णा थाने गए तो वहां दबाव बनाने आयोजक पहुंचे और रिपोर्ट रूकवा दी।
सट्टे को रोकने को लेकर हुआ विवाद
अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र में एक टर्फ पर मोनू द्वारा यह टूर्नामेंट कराया जा रहा है। इसमें शनिवार को सेमीफाइनल मैच प्रतापनगर और आयोजकों की टीम के बीच हो रहा था। इसी दौरान एक युवक ने शर्त के नाम पर सट्टा शुरू कर दिया कि इस ओवर में इतने रन बनेंगे दो हजार की शर्त लगाईए, इस बॉल पर आउट होगा। इसे लेकर प्रतापनगर टीम ने आपत्ति ली तो इसी पर विवाद शुरू हो गया। मैच खत्म होने जा रहा था तभी आयोजकों ने गेट बंद कर दिया। इसके बाद प्रतापनगर के जीतने के बाद टीम के सदस्यों को जमकर पीटा।
महिलाएं भी बीच-बचाव के लिए आई तो हुई बदतमीजी
इस दौरान वहां मौजूद महिलाएं जब बीच-बचाव के लिए पहुंची तो उनके साथ भी गलत व्यवहार हुआ और बदतमीजी की गई। गेट बंद होने से वह भी नहीं निकल पाई। काफी देर तक हंगामा चलता रहा और इस दौरान हरपाल होर, वीर होरा, सिल्की होरा, रोम्पी बग्गा, सलूजा परिवार के सदस्यों सहित कई लोगों के साथ मारपीट हुई।
पीड़ित थाने पहुंचे तो आयोजक भारी संख्या में पहुंचे, दबाव बनाया
इसके बाद जब गेट खुला तो टीम के सदस्य थाने पर शिकायत करने के लिए पहुंचे ही थे कि वहां पर आयोजक अपने साथ भारी संख्या में समर्थक लेकर पहुंच गए और शिकायत करने के लिए रोका गया। इसके लिए दबाव- प्रभाव सभी तरह के प्रयास हुए और आखिर में टीम थाने मे बिना शिकायत के लौट गए।