संजय गुप्ता, INDORE. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) इंदौर, के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए केंद्र की मंजूरी मिल गई है। उनका दूसरा कार्यकाल एक जनवरी 2024 से ही शुरू हो गया है। वह लगातार दूसरा कार्यकाल पाने वाले इंदौर आईआईएम के पहले डायरेक्टर बने हैं। कार्यकाल अब 31 दिसंबर, 2028 तक रहेगा।
नए एक्ट लागू होने से पहले बोर्ड ने जुलाई में कर दिया कार्यकाल पास
आईआईएम बोर्ड ने 30 जुलाई 2023 में ही उनके दूसरे कार्यकाल को मंजूरी दे दी थी। कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्ति के पांच माह पहले की गई इस जल्दबाजी को लेकर यह मामला उलझ गया था। दरसअल, इस मामले को लेकर बात उठी कि डायरेक्टर ने यह प्रस्ताव जल्दी इसलिए बोर्ड में रखवाया क्योंकि केंद्र डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए नया एक्ट ला रही थी। नए एक्ट के चलते जम्मू और लखनऊ आईआईएम ने नए डायरेक्टर नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी थी। लेकिन इंदौर ने जल्दबाजी करते हुए प्रस्ताव पास कर डायरेक्टर राय के दूसरे कार्यकाल की मंजूरी देकर प्रस्ताव केंद्र के पास पहुंचा दिया। जिसे हाल ही में मंजूरी मिल गई जिसके पास उनका दूसरा कार्यकाल मंजूर हो गया।
यह है संशोधन विधेयक
संशोधन विधेयक में कहा गया है कि भारत के राष्ट्रपति आईआईएम के विजिटर होंगे, बोर्ड अध्यक्षों को नामित करेंगे और डायरेक्टर नियुक्तियों को मंजूरी देंगे। साथ ही, चार सदस्यीय सर्च कमेटी में विजिटर का एक नॉमिनी भी होगा। आईआईएम इंदौर, जिसने मई में एक नए डायरेक्टर के लिए विज्ञापन दिया था, ने लोकसभा में 4 अगस्त को और राज्यसभा में 8 अगस्त को विधेयक पारित होने से पहले प्रक्रिया में तेजी ला दी और 2017 अधिनियम के तहत राय को दूसरे कार्यकाल के लिए चुना।
बोर्ड चेयरमैन ने जताई खुशी
संस्थान के बीओजी के चेयरमैन एम. एम. मुरुगप्पन ने कहा, "हमें आईआईएम इंदौर में प्रो. हिमांशु राय के कार्यकाल के विस्तार की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है। उनकी दूरदर्शी रणनीतियों और असीम समर्पण ने संस्थान की प्रतिष्ठा को और भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम उनके मार्गदर्शन में सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।"
प्रो. राय ने बताई नई योजनाएं
राय ने कहा, "आईआईएम इंदौर के निदेशक के रूप में दोबारा नियुक्त होना एक बहुत बड़ा सम्मान है। मैं इस प्रतिष्ठित संस्थान को और भी अधिक उत्कृष्टता की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।" अपनी योजनाओं को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में, आईआईएम इंदौर 20 देशों के 48 संस्थानों के साथ साझेदारी का लाभ उठाते हुए अपना अंतरराष्ट्रीय परिसर स्थापित करेगा। सहयोगों की संख्या में और भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, "इन सहयोगों का उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करना, अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण अनुभवों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। परिसर का विस्तार करने के साथ-साथ पीजीपी, आईपीएम और पीजीपीएचआरएम सहित अपने प्रमुख कार्यक्रमों में सीटें बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। साथ ही हम कैंपस को अल्ट्रा-मॉडर्न और नेट जीरो कैंपस बनाने का प्रयास कर रहे हैं।