इंदौर विधायक रमेश मेंदोला मंत्रिमंडल से फिर बाहर, समर्थकों का संदेश... मिटने वाला मैं नाम नहीं, तुम मुझको कब तक रोकोगे

author-image
BP Shrivastava
एडिट
New Update
इंदौर विधायक रमेश मेंदोला मंत्रिमंडल से फिर बाहर, समर्थकों का संदेश... मिटने वाला मैं नाम नहीं, तुम मुझको कब तक रोकोगे

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर विधानसभा दो के विधायक रमेश मेंदोला सभी चुनावी राज्यों में 1.07 लाख वोट से जीतने वाले विधायक बने, चौथी बार के विधायक हैं, लेकिन इस बार भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। इससे उनके सर्मथकों में घोर निराशा है। समर्थकों ने अब संगठन को संदेश पहुंचाने के लिए अपने सोशल मीडिया पर मेंदोला की तीर-कमान लिए फोटो लगाते हुए एक कविता लगाई है। जो साफ कह रही है कि मेंदोला को आप आगे बढ़ने से कब तक रोकोगे।

यह है वह कविता -

मैं उस माटी का वृक्ष नहीं

जिसको नदियों ने सींचा है

बंजर माटी में पलकर मैंने

मृत्यु से जीवन खींचा है

मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूं

शीशे से कब तक तोड़ोगे

मिटने वाला मैं नाम नहीं

तुम मुझको कब तक रोकोगे

समर्थकों ने कविता से बताया अपना दर्द

एक ख्यात कवि की इन पंक्तियों के साथ इंदौर में विधायक रमेश मेंदोला के समर्थकों ने अपने मोबाइल फोन पर स्टेटस में मेंदोला की धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाते हुए तस्वीर लगाई है। यह सामान्य तस्वीर नहीं है, बल्कि मप्र में सर्वाधिक मतों से जीत हासिल करने वाले विधायक रमेश मेंदोला के समर्थकों का वह दर्द है, जिसके जरिए वह बीजेपी हाईकमान और वरिष्ठ नेताओं को बताना चाहते हैं। इनका मानना है कि आखिर क्यों हर बार मेंदोला को इस तरह नजर अंदाज किया जाता है।

कौन रोक रहा है मेंदोला को आगे बढ़ने से

समर्थक यह सवाल भी उठा रहे हैं कि आखिर कौन इस लोकप्रिय नेता को आगे बढ़ने से रोक रहा है? किसके मन में इस नेता के आगे बढ़ने से असुरक्षा का भाव पैदा हो रहा है? आखिर कौन अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए इस जनप्रिय नेता की राह में रुकावटें पैदा कर रहा है।

हर बार जीत का नया रिकार्ड बना रहे लेकिन पद में चूक रहे

मेंदोला साल 2008 से विधायक का चुनाव जीत रहे हैं। साल 2008 में जहां भारी मतों से पहली बार में ही विजय हुए, वहीं साल 2013 में 91 हजार वोट से जीत का रिकार्ड बनाया, 2018 में 71 हजार से जीते तो अब 2023 में 1.07 लाख वोट से जीतकर रिकार्ड बनाया। लेकिन इनके बाद भी मेंदोला को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली और ना ही किसी आयोग आदि में पद देकर मंत्री का दर्जा दिया गया। साल 2022 में महापौर के लिए नाम चला, लेकिन पार्टी ने नीति बना दी विधायक को नहीं टिकट देंगे। इसके बाद वह इस दौड़ से भी बाहर हो गए। इस बार उनके काम की तारीफ संगठन स्तर पर सभी ने की थी, लेकिन मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिली।

कैलाश मंत्रिमंडल में इसलिए रमेश को छोड़ दिया

वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है, इसके साथ ही तय था कि पार्टी दोनों को एक ही मानती है, इसलिए अब रमेश मेंदोला को जगह नहीं मिलेगी। वही हुआ और विजयवर्गीय को लेने के साथ पार्टी ने मंत्रिमंडल से उनका नाम काट दिया। लेकिन पार्टी बार-बार यह भूल रही है कि यदि दो योग्य दावेदार हैं तो दोनों को क्यों नहीं लिया जा सकता है? साथ ही मंत्रिमंडल नहीं तो फिर उन्हें कोई पद क्यों नहीं दिया जाता है? अब समर्थकों का धैर्य जवाब देने लगा है। माना जा रहा है कि सर्मथकों का यह संदेश उच्च स्तर तक पहुंचेगा और उन्हें कोई पद मिलेगा।

मेंदोला समर्थकों ने सोशल मीडिया पर क्या कैंपेन चलाया मेंदोला के समर्थक निराशा रमेश मेंदोला को नहीं मिली मंत्रिमंडल में जगह what campaign did Mendola's supporters run on social media Mendola's supporters are disappointed Ramesh Mendola did not get a place in the cabinet मध्यप्रदेश न्यूज Madhya Pradesh News Indore News इंदौर समाचार