मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में हर 5 साल में सरकार बदलती है और सरकार बदलते ही प्राथमिकताएं भी बदल जाती हैं। राजस्थान की पिछली सरकार ने सभी विभागों से 2030 तक के विकसित राजस्थान का विजन डॉक्यूमेंट तैयार कराया था। यह डॉक्यूमेंट सरकार के कार्यकाल के बिल्कुल अंतिम समय पर सामने आया। अब सरकार बदलते ही ठंडे बस्ते में चला गया है क्योंकि नई सरकार को 5 साल नहीं अगले 25 साल की योजना चाहिए, इसलिए अधिकारियों को अब 2047 तक का विजन डाक्यूमेंट तैयार करने को कहा गया है। नए मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सभी विभागों को इस बारे में निर्देश भेजे हैं। हालांकि इसकी कोई डेडलाइन तय नहीं की गई है, लेकिन यह केंद्र सरकार के 2047 के विकसित भारत की योजना के तहत किया जा रहा है और क्योंकि अब राजस्थान में भाजपा की ही सरकार है इसलिए अधिकारियों के लिए इसे प्राथमिकता से लेना जरूरी हो गया है।
पिछली सरकार ने बनवाया था 2030 तक का विजन डॉक्यूमेंट
पिछली कांग्रेस सरकार ने पिछले साल 5 अक्टूबर को यह विजन डॉक्युमेंट जारी किया था और 9 अक्टूबर को राजस्थान में चुनाव की आचार संहिता लग गई थी। यानी चुनाव से बिल्कुल पहले जनता के सामने अगले 5 साल का विजन रखा गया था। पिछली सरकार का दावा था कि राजस्थान के लगभग 3 करोड़ लोगों के सुझावों से इसे तैयार किया गया है। पूरी सरकारी मशीनरी को लगभग डेढ़ महीना इस विजन डॉक्यूमेंट को तैयार करने में लगा था और सरकार के लाखों रुपए भी खर्च हुए थे।
सरकार कर रही तरक्की का रास्ता तय
तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस विजन डॉक्यूमेंट के जरिए चुनाव जीतने की स्थिति में सरकार की 5 साल की कार्य योजना पेश करने का प्रयास किया था, लेकिन जनता को यह विजन डॉक्युमेंट जनता तक पहुंच ही नहीं पाया और उसका कारण यही था कि इसे बिल्कुल अंतिम समय पर तैयार किया गया। जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मार्च में बजट भाषण में इसके संकेत दे दिए थे। अब सत्ता बदलने के साथ ही यह विजन डॉक्यूमेंट फाइलों में दब गया है। देश में केंद्र सरकार 1947 के विकसित भारत की कार्य योजना को लेकर काम कर रही है और राजस्थान में भी अब बीजेपी की ही सरकार है इसलिए यहां भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों के साथ पहली मीटिंग में ही 1947 तक की कार्य योजना पर काम करने के निर्देश दे दिए थे। अब सरकार के प्रशासनिक मुखिया मुख्य सचिव ने भी परिपत्र जारी कर सभी विभागों को यह कार्य योजना तैयार करने को कहा है। ऐसे में अब सभी विभागों में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। अधिकारी ऑन रिकॉर्ड तो कुछ नहीं कहते हैं, लेकिन आपसी बातचीत में यह जरूर कहते हैं कि 5 साल की कार्य योजना बनाने में ही अच्छी खासी मेहनत लग गई थी और नतीजा कुछ नहीं निकला। 25 साल की कार्य योजना बनाने में फिर मेहनत करनी पड़ेगी और क्योंकि डेडलाइन तय नहीं की गई है इसलिए इसका क्या होगा, यह पता नहीं।
मुख्य सचिव ने दिए कई और निर्देश
इसके साथ ही मुख्य सचिव सुधांश पंत ने विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कई और निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इनमें उनसे 10 प्रमुख प्रदर्शन सूचकांक यानी परफॉर्मेंस इंडिकेटर मांगे गए हैं। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों आम जनता और मीडिया से बेहतर संबंध बनाने को कहा गया है। राजस्थान में ई फाइलिंग की व्यवस्था शुरू हो चुकी है इसलिए हर फाइन डिजिटल सिग्नेचर के साथ आगे बढ़ाने को कहा गया है। इसके साथ ही बैठकों में मोबाइल स्विच ऑफ रखना और प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।