राजस्थान में वाहन की डिटेल निकालने के लिए हर दिन पांच लाख से ज्यादा होने लगे हिट तो पुलिस ही आई संदेह के घेरे में, दर्ज हुई FIR

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Pratibha Rana
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राजस्थान में वाहन की डिटेल निकालने के लिए हर दिन पांच लाख से ज्यादा होने लगे हिट तो पुलिस ही आई संदेह के घेरे में, दर्ज हुई FIR

मनीष गोधा, JAIPUR. किसी वाहन की नंबर प्लेट के आधार पर उसके रजिस्ट्रेशन की डिटेल और मलिक का अता-पता निकालने की सुविधा का जब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल होने लगा तो राजस्थान पुलिस के पुलिसकर्मी ही शक के घेरे में आ गए। अब पुलिसकर्मियों को मिली यह सुविधा बंद कर दी गई है। जांच के स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के एडिशनल एसपी की ओर से पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

यह है मामला ?

दरअसल केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री आफ रोड ट्रांसपोर्ट यानी सड़क परिवहन मंत्रालय ने राजस्थान पुलिस को वाहन की रजिस्ट्रेशन डिटेल निकालने के लिए अपने नेशन ट्रांसपोर्ट रजिस्टर का डायरेक्ट एक्सेस दे रखा था। इसके जरिए राजस्थान के पुलिसकर्मी किसी भी वहां की नंबर प्लेट के आधार पर उसके रजिस्ट्रेशन की पूरी डिटेल और मालिक का नाम पता और मोबाइल नंबर आदि जानकारी निकाल सकते थे। यह सुविधा इसलिए दी गई थी कि यदि कहीं कोई लावारिस वाहन खड़ा है या नाकाबंदी में कोई गलत वाहन आ गया है या किसी मामले की तफ्तीश के लिए किसी गाड़ी की डिटेल जरूरी है तो वह आसानी से निकलवाई जा सके। लेकिन यह सुविधा मिलने के बाद यह देखा गया कि इस सुविधा का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल होने लगा है और कहीं ना कहीं इस बात की आशंका भी हो गई कि राजस्थान पुलिस के जरिए कहीं यह डाटा कोई और लोग तो इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं या यह डाटा कहीं बेचा तो नहीं जा रहा है।

स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने दर्ज कराई एफआईआर

दरअसल राजस्थान पुलिस को यह एक्सेस स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जरिए ही मिला हुआ था। लेकिन, जब यह देखा गया कि एक ही दिन में बहुत ज्यादा हिट हो रहे हैं तो ब्यूरो के एडिशनल एसपी की तरफ से ही राजस्थान पुलिस एसओजी के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई। इस एफआईआर में कहा गया है कि राजस्थान पुलिस को जो एक्सेस मिला हुआ है, उसके जरिए हर दिन औसतन 5 लाख से ज्यादा के हिट वाहनों की डिटेल निकालने के लिए हो रहे हैं। यह आंकड़ा देश भर में सबसे ज्यादा हैं और संदेह की स्थिति पैदा कर रहा है। ऐसे में इसकी विस्तृत जांच जरूरी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि डाटा की चोरी तो नही हो रही है।

एहतियात के तौर पर 8 दिसंबर से राजस्थान पुलिस को मिला हुआ यह एक्सेस बंद कर दिया गया है और अब किसी वाहन की डिटेल निकलवाने के लिए पुलिसकर्मियों को एक विशेष नंबर पर फोन करना पड़ता है और वहीं से वाहन की जानकारी निकाली जा सकती है।


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