RATLAM. आज के दौर में कई ऐसे लोग हैं, जो बिना मेहनत के पैसे कमाने की सोच रखते हैं। जैसे धोखाधड़ी, लोगों को झूठी उम्मीद दिखाकर पैसे ठगना। ऐसा ही एक मामला रतलाम से आया है। यहां पर राजस्थान के तीन ठगों ने फास्ट फूड, सब्जी का ठेला लगाने वाले और मजदूरी करने वालों के नाम फर्जी कंपनी बना दी है। बैंकों में खाते खोलने के पहले जीएसटी नंबर भी लिए गए। इन सभी खातों में पिछले डेढ़ माह में करीब 50 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन भी हुआ। लेकिन जिनके नाम से यह कंपनियां बनाई गई, उन्हें इस बारे में पता नहीं चल पाया। हालांकि पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
फास्ट फू़ड, सब्जी का ठेला लगाने वालों के नाम फर्जी कंपनी बनाई
जानकारी के मुताबिक सूरज चौरे रतलाम में रहकर फास्ट फूड का ठेला लगाता है। सूरज की मुलाकात कुछ महीने पहले तुलसीराम (26) निवासी भीलवाड़ा (राजस्थान) से हुई थी। तुलसीराम ने हर महीने उसे 15 हजार रुपए देने का लालच दिया। इसके बदले सूरज से उसके नाम से बैंक खाता उसकी फर्म के नाम से खाता खुलवाकर खातों की डिटेल्स, चेक बुक, खाते में दर्ज मोबाइल सिम तुलसीराम ने अपने पास रख ली। यही नहीं, ऐसा सेम तुलसीराम ने और भी कई लोगों साथ किया। उसने लोगों के नाम से खाते खुलवाने पर रुपए का लालच देकर उसके नाम से एक दो खाते और खुलवाए। तुलसी राम ने सूरज को अन्य दो खातों के रुपए नहीं दिए। सूरज को रुपए नहीं मिलने पर वह बैंक में खाते बंद करवाने गया। इस दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि उसके खाते से करोड़ो का लेन-देन हुआ है। सूरज ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया।
डेढ़ माह में 50 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन
बैंकों में खाते खोलने के पहले जीएसटी नंबर भी लिए गए। जीएसटी नंबर लेकर कंपनी बनाई। उसी आधार पर बैंक खाते खोले गए। फर्जी कंपनी अग्नि ट्रेडर्स के नाम से एसबीआई व पीएनबी में फास्ट फूड की दुकान चलाने वाले सूरज चौरे, आस्था इंपेक्स के नाम से फाइंनेसियल, यश बैंक व एसबीआई में मजदूरी करने वाले राहुल भालिया, रौनक इंटरप्राइजेस के नाम से एयू बैंक व एसबीआई में प्रिंटिग प्रेस पर काम करने वाले अजय राठौड़ एवं सिद्धेशव्र एकि्सयोम के नाम पीएनबी व फाइंनेसियल कंपनी में सब्जी का ठेला लगाने वाले संदीप सरौदिया के नाम से खाते खोले गए। इन सभी खातों में पिछले डेढ़ माह में करीब 50 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ है।
तीनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में
तुलसीराम ने साथ-साथ इन कामों में उनके साथी योगेश और सूर्यप्रकाश ने भी मदद की। तीनों शातिर फिलहाल रतलाम के शक्तिनगर में रहते है। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनके पास से एयू बैंक, पीएनबी, एसबीआई की 12 चेक बुक, 1 लेपटॉप, मोबाइल भी जब्त किए है। कहा जा रहा है कि आरोपियों ने रतलाम के चार लोगों के नाम से अलग-अलग बैंकों में खाता खोले है। सूरज के अलावा जिन लोगों के नाम पर खाते खोले गए हैं। उनमें एक मजदूरी करता है। एक प्रिंटिंग प्रेस पर काम करता है और एक सब्जी का ठेला लगाता है। चारों ही लोगों को पैसे का लालच देकर दस्तावेज लिए गए और फर्जी कंपनियां बनाकर बाकायदा जीएसटी नंबर भी लिए गए। इसके बाद अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए गए। जांच में सामने आया कि आरोपी द्वारा अलग-अलग शहरों से रुपए का लेनदेन किया गया है। करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है।