JABALPUR. मध्यप्रदेश से बाहर की आरक्षित वर्ग ( ओबीसी,एससी-एसटी) की महिलाओं को प्रदेश में नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। जबलपुर हाईकोर्ट ने सोमवार, 18 दिसंबर को एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया और इस मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया।
बाहरी महिलाओं को आरक्षण लाभ का नहीं है नियम
जानकारी के अनुसार मप्र से बाहर की ओबीसी, एससी- एसटी वर्ग की महिलाओं को राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने के नियमों को चुनौती दी और जबलपुर हाईकोर्ट को याचिका दायर की थी। यहां बता दें, आरक्षित वर्ग ( ओबीसी,एससी-एसटी) महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिए जाने को भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार के नियमों को संविधान के अनुच्छेद 16 (2) और 19 (1) (e) के तहत वैधानिक नहीं माना है।
सुप्रीम कोर्ट भी सरकार के नियम को वैधानिक करार दे चुकी
जानकारी के अनुसार आरक्षित वर्ग ( ओबीसी,एससी-एसटी) महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिए जाने के केस में सरकार के नियम को सुप्रीम कोर्ट ने भी वैधानिक बताया है। इस मामले में 5 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया था।
नीमच की सीमा सोनी की ने दायर की थी याचिका
जबलपुर हाईकोर्ट में नीमच की रहने वाली सीमा सोनी नामक महिला ने याचिका दायर की थी। सीमा मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली हैं और शादी के बाद नीमच आ गई हैं। याचिकाकर्ता के वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर के मुताबिक सीमा सोनी प्राथमिक शिक्षक के लिए ओबीसी वर्ग से चयनित हुई थीं। जिन्हें बाद में यह कहते हुए लाभ से वंचित कर दिया गया कि राजस्थान की मूल निवासी होने के कारण सीमा को मप्र में ओबीसी वर्ग केआरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। जिसे याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।