BHOPAL. मोहन सरकार के वित्त विभाग द्वारा जारी तीन माह के बजट में नगरीय विकास और आवास महकमे का बजट जीरो होने से मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद अब वित्त विभाग ने जनवरी महीने के लिए बजट में 330 करोड़ मंजूर कर दिए हैं। फरवरी और मार्च के लिए बाद में बजट राशि जारी की जाएगी।
यहां बता दें, इसी हफ्ते वित्त विभाग ने तीन माह के लिए किए बजट प्रावधान में कई विभागों के साथ नगरीय विकास का बजट भी जीरो कर दिया था।
मंत्री विजयवर्गीय ने ली नगरीय विकास और वित्त विभाग के अफसरों की बैठक
इसी के चलते बुधवार को नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने वित्त और नगरीय विकास विभाग के अफसरों की बैठक की। इसमें उन्होंने कहा कि मूलभूत राज्य वित्त आयोग, सड़क अनुरक्षण और मुद्रांक शुल्क की राशि जो करीब एक हजार करोड़ रुपए के करीब है, वित्त विभाग इस राशि को जल्द जारी करे। इसके बाद वित्त विभाग ने जनवरी माह के लिए 330 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। उन्होंने यूआईडीएफ के अंतर्गत नगरीय निकायों को अमृत योजना की पूर्ति के लिए 500 करोड़ रुपए शीघ्र जारी करने को कहा। इसके बाद वित्त सचिव ज्ञानेश्वर पाटिल ने इस मामले में एक हफ्ते में आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही।
वित्त विभाग ने 20 जनवरी को इन विभागों के लिए जारी की था राशि
मेट्रो रेल के 350 करोड़ की भी मांग
मंत्री विजयवर्गीय की मौजूदगी में हुई बैठक में तय हुआ कि मेट्रो रेल के संबंध में 350 करोड़ रुपए की स्वीकृत राशि के लिए राज्य का अंश शीघ्र जारी किया जाए। साथ ही पूंजीगत मदों की योजनाओं को नगरीय निकायों द्वारा लागू करने के संबंध में मानक प्रक्रिया तय कर सभी नगरीय निकायों को जारी की जाए। नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री शहरी अधो संरचना चतुर्थ चरण के अंतर्गत ऋण लिए जाने के संबंध में एमपीयूडीसी को अधिकृत किए जाने की मंजूरी जल्द जारी किए जाने का आग्रह किया।
6 शहरों में लागू होगी 552 ई-बस योजना
मंत्री विजयवर्गीय ने 6 प्रमुख नगरों में नगर परिवहन सेवा को मजबूत करने के लिए नगरीय विकास विभाग ने 552 ई-बस की योजना लागू करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को दिया है। नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि अन्य राज्यों ने इस योजना में गारंटी दी गई है। इसी तरह की गारंटी प्रदेश में भी वित्त विभाग द्वारा दी जाए। बैठक में वित्त विभाग ने बताया कि नगरीय निकायों की विभिन्न शासकीय विभागों पर अधिरोपित सेवा कर राशि की सूची उपलब्ध कराई जाए। इसके आधार पर वित्त विभाग द्वारा उक्त राशि शीघ्र दिलाए जाने के प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में यह भी निर्देश दिए
बैठक में मंत्री ने कहा कि नगरीय निकायों को देय चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से राज्य स्तर पर कटौती नहीं की जाना चाहिए। ऐसी व्यवस्था हो कि नगरीय निकाय बिजली बिल की राशि खुद बिजली कंपनियों को जमा कराएं। बैठक में नगरीय विकास मंत्री ने न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी दिए जाने के संबंध में विभागीय प्रस्ताव को वित्त विभाग द्वारा एक सप्ताह में निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
सिर्फ PIU के पेमेंट के लिए राशि जारी की गई
वित्त विभाग द्वारा जारी बजट के मुताबिक कई विभागों को सिर्फ पीआईयू (प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट) के पेमेंट के लिए ही राशि जारी की गई है। इनमें स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा, हेल्थ, तकनीकी शिक्षा-कौशल विकास और रोजगार विभाग, उच्च शिक्षा, राजस्व और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग शामिल हैं। पीआईयू द्वारा इन विभागों के अधोसंरचना के काम किए जा रहे हैं। इसमें अस्पताल, लैब, प्रशिक्षण स्थल, छात्रावास, स्कूल आदि भवनों का निर्माण शामिल है। बता दें कि पहले से ही वित्तीय संकट के चलते 38 विभागों को वित्त विभाग की परमिशन के बगैर भुगतान करने पर रोक लगा चुकी सरकार द्वारा अब 26 विभागों की लिमिट तय करने को वित्तीय मैनेजमेंट से जोड़ा जा रहा है। इसमें सबसे अधिक 2055 करोड़ रुपए लोक निर्माण विभाग और 1255 करोड़ रुपए जल संसाधन विभाग के लिए तय किए गए हैं।