BHOPAL. मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा 5 फरवरी से शुरू होने जा रही है। ऐसे में परीक्षा से पहले ही पेपर लीक के नाम पर ठगी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में भोपाल क्राइम ब्रांच ने माध्यमिक शिक्षा मंडल का लेगो उपयोग कर टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर बच्चों को 10वीं-12वीं का पेपर देने का झांसा देकर रुपए ठगने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर स्टूडेंट्स को देते थे झांसा
बता दें कि दोनों आरोपी माध्यमिक शिक्षा मंडल के नाम से टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर स्टूडेंट्स को 10वीं-12वीं का पेपर देने का झांसा देकर ठगी कर रहे थे। इन आरोपियों ने बच्चों को झांसे में लेने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल, MP BOARD OFFICIAL< MP BOARD PAPER LEAKES आदि नाम से टेलीग्राम ग्रुप बनाए थे।
25 से ज्यादा चैनल एक्टिव
इस समय 10वीं-12वीं एमपी बोर्ड के पेपर ऑनलाइन बेचने के लिए टेलीग्राम पर 25 से ज्यादा चैनल एक्टिव नजर आ रहे हैं, जो कि पलक झपकते ही एक लाख से अधिक लोगों तक पेपर पहुंचाने का दावा कर रहे थे। परीक्षा से दो महीने पहले ही ये सभी चैनल सक्रिय हो गए। बता दें कि इनमें से कई ग्रुप ऐसे भी हैं, जिनमें वर्तमान में 85 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। इन सभी ग्रुप्स में एडमिन द्वारा स्टूडेंट्स को रोज एमपी बोर्ड का 1001% ऑरिजिनल पेपर उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है।
ग्रुप में जुड़ने के लिए भी देने पर रहे हैं पैसे
इसके लिए उन्हें प्राइवेट चैनल में जुड़ने का मैसेज भी भेजा जा रहा है। प्राइवेट चैनल में जुड़ने वालों के लिए 499 रूपए की फीस भी निर्धारित है। उक्त राशि ऑनलाइन भेजने वालों को व्यक्तिगत लिंक भेजकर प्राइवेट चैनल से जोड़ा जा रहा है। इधर टेलीग्राम पर चल रही इन तमाम गतिविधियों के बावजूद साइबर पुलिस इन पर सीधे कार्रवाई करने की बजाए बीते साल हुए पेपर लीक करने वालों में 4 लोगों को गिरफ्तार करके वाहवाही लूटने में व्यस्त है। क्राइम ब्रांच के अफसर तर्क दे रहे हैं कि पेपर लीक करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए उन्हें शिकायतकर्ता ही नहीं मिले।
मिनटों में बदले जा रहे हैं चैनलों के नाम
टेलीग्राम पर एक्टिव एमपी बोर्ड के नाम वाले Mp board official चैनल में @Mahakaal7_bot आईडी पर क्लिक करके मैसेज करने वाले को QR कोड उपलब्ध कराया जाता है। उस पर 499 का पेमेंट करके जो भी स्क्रीनशॉट भेजता है, उसे प्राइवेट चैनल में जुड़ने के लिए लिंक उपलब्ध कराई जाती है। प्राइवेट चैनल में जुड़ने वालों को ही परीक्षा से पहले 10वीं-12वीं का ऑरिजिनल पेपर उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है। खास बात ये है कि जिन चैनलों पर पेपर उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है उनके नाम मिनटों में बदल दिए जाते हैं। लेकिन यदि इन चैनलों को चलाने वालों की व्यक्तिगत आईडी (@Mahakaal7_bot) पर जांच की जाए तो पेपर लीक करने वालों की धर पकड़ आसानी से की जा सकती है।
स्टूडेंट्स की ओर से शिकायत नहीं की जाती
बीते साल एमपी बोर्ड की ओर से प्राप्त शिकायत के आधार पर अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। चूंकि ठगी का शिकार होने वाले स्टूडेंट्स की ओर से शिकायत नहीं की जाती है, इसी कारण इनके ऊपर कार्रवाई करना मुश्किल होता है। हालांकि चैनलों पर रोक लगाने के लिए पुलिस द्वारा टेलीग्राम को मेल किया गया है।