संजय गुप्ता, INDORE. मप्र के सत्ता के गलियारे कहे जाने वाले मालवा-निमाड़ की 66 सीटों में से 15 से ज्यादा सीटों पर बगावत थी, लेकिन कुछ सीटों पर बीजेपी तो कहीं पर कांग्रेस के बागी मान गए, लेकिन 12 सीट ऐसी हैं जहां कहीं पर बीजेपी के बागी हैं तो कहीं पर कांग्रेस के बागी होने से मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। बगावत वाली मुख्य सीटों में धार, बुरहानपुर, जोबट, जावद, बड़नगर, आलोट जैसी सीट है। धार में तो अजीब स्थिति हुई है यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही बागी निर्दलीय उतरे हैं और मुकबले को चतुष्कोणीय बना दिया है। जो बागी नहीं माने उसमें बुहरानपुर से बीजेपी के बागी हर्ष चौहान, महू से कांग्रेस के बागी अंतर सिंह दरबार, आलोट से कांग्रेस के बागी प्रेमचंद गुडुड्, धार से बीजेपी के बागी राजू यादव और कांग्रेस के बागी कुलदीप बुंदेला नहीं माने हैं। जोबट से पूर्व विधायक बीजेपी माधोसिंह डावर भी नहीं माने हैं।
यह प्रमुख बागी जो मान गए-
बीजेपी के बागी जो मान गए: मनावर सीट से बीजेपी की पूर्व मंत्री रंजना बघेल मान गई है, इसी तरह आगर सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक लालजीराम, मनासा से बीजेपी के पूर्व विधायक विजयेंद्र सिंह, बड़नगर से बीजेपी के पूर्व विधायक शांतिलला डबई मान चुके हैं।
कांग्रेस के बागी जो मान गए: झाबुआ से जेवियर मेडा मान गए हैं। इस तरह शुजालपुर सीट पर दिग्विजय सिहं के करीब योगेंद्र सिंह ने कांग्रेस से पर्चा भरा था जो खारिज हो गया, निर्दलीय नहीं भरा यानि वह भी मान गए, इसी तरह सेंधवा के पूर्व विधायक ग्यारसीलाल रावत ने भी निर्दलीय पर्चा नहीं भरा केवल पार्टी से बी फार्म मिलने की आस में कांग्रेस प्रत्याशी तौर पर भरा था जो खारिज हो चुका। पानसेमल से कांग्रेस की बागी सुरती बाई ने नाम वापस ले लिया। जावरी में डीपी धाकड़ ने नाम वापस ले लिया है।
मालवा-निमाड़ की बगावत वाली वह सीटें जहां बागी मान गए
- आगर सीट- यहां बीजेपी के पूर्व विधायक लालजीराम ने सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी की समझाइश पर नाम वापस ले लिया है। अब यहां बीजेपी के मधु गेहलोत और कांग्रेस के मौजूदा विधायक विपिन वानखेड़े के बीच सीधा मुकाबला होगा। बीजेपी को राहत मिली है।
- शुजालपुर- यहां से कांग्रेस के रामवीर सिंह सिकरवार और बीजेपी से मौजूदा विधायक इंदर सिंह परमार पार्टियों के प्रत्याशी है। कांग्रेस के पूर्व सीएम दिग्वजिय सिंह के करीबी योगेंद्र सिंह ने नामांकन दाखिल किया था वह खारिज हो गया। अब यहां बागी नहीं है।
- सेंधवा एसटी- यहां कांग्रेस ने मौजूदा विधायक ग्यारसी रावत का टिकट काटकर मोंटू सोलंकी को दिया है।, बीजेपी से अंतर सिंह आर्य है। रावत ने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है। बी फार्म नहीं होने से उनका फार्म निरस्त हो चुका है।
- पानसेमल एसटी- कांग्रेस से चंद्रभागा किराडे को, बीजेपी से श्याम बर्डे को टिकट है। यहां से सुरती बई जाधव ने निर्दलीय और कांग्रेस से टिकट भरा है। सुरती भाई ने वापस ले लिया
- मनावर सीट- यहां बीजेपी से पूर्व मंत्री रंजना बघेल को मनाने के लिए युवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. निशांत खरे और जीतू जिराती दोनों पहुंचे थे। वरिष्ठों से बात की और उन्हें मनाया, वह भी पार्टी लाइन पर चलने के लिए तैयार हुई और मान गई। नाम वापस ले लिया। अब यहां से कांग्रेस से विधायक डॉ. हीरालाल अलावा, बीजेपी से शिवराम कन्नौज मैदान में हैं।
- झाबुआ एसटी- मौजूदा विधायक कांतिलाल भूरिया की जगह बेटे डॉ.विक्रांत भूरिया को कांग्रेस से टिकट, बीजेपी से भानू भूरिया को टिकट है। लेकिन आदिवासी नेता जेवियर मेढा ने निर्दलीय के साथ ही आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया था। आम आदमी से उनका पर्चा बी फार्म नहीं होने से रिजेक्ट हो गया और फिर उन्होंने कांग्रेस को समर्थन देते हुए निर्दलीय पर्चा भी वापस ले लिया।
- मनासा- बीजेपी के बागी पूर्व विधायक विजेंद्र सिंह मालाहेड़ा ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। विजेंद्र सिंह मालाहेड़ा पूर्व में कांग्रेस में थे और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए थे। बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के फोन लगाकर समझाने पर उन्होंने नामांकन पत्र वापस लिया है। बीजेपी से अनिरूद्ध मारू और कांग्रेस के नरेंद्र नाहटा के बीच मुकाबला होगा।
- जावरा- जावरा में कांग्रेस के बागी डीपी धाकड़ ने नाम वापस ले लिया है, यहां निर्दलीय जीवन सिंह शेरपुर ,बीजेपी के डॉ राजेंद्र पांडे और कांग्रेस के वीरेंद्र सिंह सोलंकी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। कांग्रेस ने पहले यहां हिम्मत श्रीमाल को अपना उम्मीदवार बनाया था। लेकिन विरोध होने के बाद टिकट बदल कर वीरेंद्र सिंह सोलंकी को जावरा से उम्मीदवार बनाया गया। टिकट नहीं मिलने से नाराज डीपी धाकड़ ने बगावत का ऐलान कर दिया था। उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया।
यहां बगावत जारी, होंगे त्रिकोणीय मुकाबले
- बुरहापुर: कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह शेरा, अर्चना चिटनीस, प्रत्याशी है। लेकिन पूर्व सांसद नंदू चौहान के पुत्र ने हर्षवर्धन चौहान ने निर्दलीय के तौर पर मैदान में है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। हर्ष ने बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया है।
- जोबट एसटी: कांग्रेस से सीमा पटेल को टिकट, बीजेपी से विशाल रावत प्रत्याशी बने। लेकिन यहां से बीजेपी नेता व पूर्व विधायक माधोसिहं डावर ने बीजेपी व निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
- धार : कांग्रेस से प्रभा गौतम, बीजेपी से नीना वर्मा को टिकट मिला है। लेकिन कांग्रेस से नाराज होकर कुलदीप बुदेंला ने निर्दलीय पर्चा भरा तो वहीं बीजेपी के टिकट से नाराज होकर पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष राजू यादव ने निर्दलीय तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया है। यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों के बागी मौजूद।
- देपालपुर: कांग्रेस से मौजूदा विधायक विशाल पटेल, बीजेपी से मनोज पटेल को टिकट है। लेकिन यहां से गुर्जर समाज के वा हिंदू संगठन जबरेशवर सेना के नेता राजेंद्र चौधरी ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर मनोज पटेल की मुश्किल बढ़ा दी है। मुकाबला उलझ गया।
- महू: कांग्रेस से रामकिशोर शुक्ला, बीजेपी से उषा ठाकुर को टिकट है। लेकिन कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार ने निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं। उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता भी छोड़ दी है। मुकाबला सीधे तौर पर त्रिकोणीय हो गया है।
- महिदपुर: दिनेश जैन को कांग्रेस से टिकट , बीजेपी से बहादुर सिंह चौहान। यहां से महिदपुर में बीजेपी नेता प्रताप सिंह निर्दलीय मैदान में उतरे हुए हैं।
- बड़नगर: कांग्रेस से राजेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया फिर काटकर मौजूदा विधायक मुरली मोरवाल को वापस दे दिया। बीजेपी से जितेंद्र पंडया को टिकट। कांग्रेस से टिकट कटने के बाद राजेंद्र सोलंकी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भर दिया। सोलंकी मैदान में है, जो कांग्रेस की मुश्किल बढ़ाएंगे। लेकिन बीजेपी के पूर्व विधायक शांतिलाल डबई ने नाम वापस ले लिया है जो बीजेपी के लिए बडी राहत है।
- आलोट एससी सीट: यहां से विधायक मनोज चावला को टिकट, बीजेपी से चिंतामणि मालवीय है। लेकिन पूर्व कांग्रेस विधायक प्रेमचंद, गुडुड् निर्दलीय मैदान में हैं। बीजेपी के बागी रमेश मालवीय ने भी पर्चा भरा था, उन्होंने नाम वापस ले लिया है। मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
- जावद: कांग्रेस से समंदर पटेल, बीजेपी से मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा को टिकट मिला है। लेकिन क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले बीजेपी के पूरणमल अहीर ने निर्दलीय मैदान उन्होंने नाम वापस नहीं लिया है। कांग्रेस को राहत है कि राजकुमार अहीर ने नाम वापस लिया है। उन्हें कमलनाथ ने फोन पर समझाइश दी थी।
- सैलाना: यहां भी मुकाबला त्रिकोणीय ही माना जा रहा है क्योंकि बीजेपी से संगीता चारेल, कांग्रेस के हर्ष गेहलोत के साथ जयस समर्थित निर्दलीय कमलेश डोडियार भी खासी पैठ रखते हैं।