JAGDALPUR. छत्तीसगढ़ के बस्तर में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में हैं। 7 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस पर खास जिम्मेदारी है। बस्तर के नक्सल मुक्त इलाके में 126 नए पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। यहां अर्ध सैनिक बलों की 350 कंपनियां तैनात की जाएगी।
निर्भीक होकर अपने गांव में वोट डालेंगे ग्रामीण
इस बार की सबसे बड़ी बात नक्सली प्रभाव कम होने का असर उन इलाकों में दिख रहा है जहां पहले कभी बूथ नहीं थे, बूथ शिफ्ट किए जाते थे ऐसे 126 पोलिंग बूथ शुरू होंगे जहां ग्रामीण मतदान कर सकेंगे। यहां से पहले पुलिंग बूथ शिफ्ट किए जाते थे इसलिए साथ ही 40 नई जगह पर पोलिंग बूथ शुरू किया जा रहे हैं, इनमें से अधिकांश माओवादियों के इलाके हैं, जहां निर्भीक होकर ग्रामीण लोकतंत्र के सहभागी बन सकेंगे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, सतर्कता बरत रही पुलिस
पुलिस की तैयारियों को लेकर बस्तर आईजी ने अहम जानकारियां दी है। इस दौरान नक्सल प्रभावित इलाकों में नेताओं के भी दौरे जारी है, इस लिहाज से पुलिस विशेष सुरक्षा और सतर्कता बरत रही है। पिछले चुनाव में लगातार कई नक्सली घटनाएं चुनाव के दौरान देखने में आई हैं, औसत हर साल माओवादी 10 से ज्यादा राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या करते हैं। पर चुनाव के दौरान यह घटनाएं बढ़ जाती हैं।
बता दें कि 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए जा रहे बीजेपी नेता भीमा मांडवी की माओवादियों ने निर्मम हत्या कर दी थी। 2013 में परिवर्तन यात्रा के दौरान भी बड़ी घटना को अंजाम माओवादियों ने दिया था। झीरम घाट में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता मारे गए थे। पिछले बार चुनाव के दौरान सॉफ्ट टारगेट की तरह राजनीतिक दलों और मतदान दलों को निशाना बनाने वाले माओवादियों से निपटने के लिए इस बार 350 कंपनियां बाहर से मंगाई जा रही हैं।
पहले ही बस्तर में करीब 60 हजार का अतिरिक्त बल तैनात हैं जिनमें से 40 हजार के करीब अर्ध सैनिक बल एवं जिला बल के जवान चुनाव ड्यूटी में तैनात रहेंगे नक्सल प्रभावित इलाकों पर अतिरिक्त बल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने साढ़े 350 कंपनियों की मांग की हैं इनमें से आधे से अधिक जवान बस्तर पहुंच चुके हैं।