SHIVPURI. शिवपुरी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दो ईवीएम और वीवीपैट लेकर खड़ी बोलेरो को पकड़ा है। उन्होंने सेक्टर मजिस्ट्रेट पर चुनाव प्रभावित करने के आरोप लगाए हैं। इसके बाद हंगामा हो गया। घटना शुक्रवार रात 10 बजे की बताई जा रही है। देर शाम जिला निर्वाचन अधिकारी रविन्द्र कुमार चौधरी ने सेक्टर प्रभारी जीएस दीक्षित को निलंबित कर दिया है।
डेढ़ घंटे तक रोड पर चलता रहा विवाद
सेक्टर मजिस्ट्रेट जीएस दीक्षित ने पहले गाड़ी में ईवीएम होने से इनकार कर दिया। जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गाड़ी खोलकर ईवीएम दिखाई तो सकपका गए। फिर बोले- वह पोहरी विधानसभा के सेक्टर-3 के प्रभारी हैं। गोपालपुर क्षेत्र में ड्यूटी कर लौट रहे थे। लेकिन वे उन्हें जमा कराने से पहले खाना खाने के लिए होटल पर रुक गए। विवाद बढ़ता देख मौके पर एसडीएम, तहसीलदार और भारी पुलिस बल पहुंच गया। इसके बाद करीब डेढ़ घंटे तक रोड पर विवाद चलता रहा।
सुनसान कब्रिस्तान इलाके में दिखी बोलेरो
बता जें कि बोलेरो को सबसे पहले कब्रिस्तान क्षेत्र में देखा गया था। ये सबसे सुनसान इलाका है। कुछ लोगों ने वाहन की सूचना कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दे दी। बाद में बोलेरो गुरुद्वारा चौराहा क्षेत्र के एक होटल के सामने घंटों खड़ी रही। इस दौरान कई कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंच गए। सेक्टर मजिस्ट्रेट जीएस दीक्षित जैसे ही बोलेरो के पास पहुंचे, कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। उनसे पूछा गया कि कब्रिस्तान रोड पर क्या कर रहे थे तो वह जवाब नहीं दे पाए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप था कि बोलेरो में ईवीएम बदलने और चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा था।
मशीनों की कार्रवाई गई जांच
निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि दोनों मशीन खाली थी। वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने बता या कि वाहन में दो ईवीएम थी, जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया था। देर रात मशीनों की जांच कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थकों के सामने कराई गई थी। दोनों मशीन खाली पाई गईं। इसके बाद दोनों ईवीएम को स्ट्रांग रूम में जमा करवा दिया गया। कांग्रेस प्रत्याशी सेक्टर मजिस्ट्रेट पर एफआईआर की मांग कर रहे थे। जैसे-तैसे बोलेरो और सेक्टर मजिस्ट्रेट को वहां से निकाला गया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता पॉलिटेक्निक कॉलेज स्ट्रांग रूम पहुंच गए, जहां कार्रवाई की मांग करते रहे। रात करीब दो बजे बोलेरो में रखी ईवीएम पुलिस अभिरक्षा में दी गई, तब मामला शांत हुआ।