BHOPAL. शिवराज सरकार के मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान देने का ऐलान तो कर दिया लेकिन करीब ढाई लाख कर्मचारी इसका लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे। जानकार बताते हैं कि चौथा समयमान वेतनमान 35 साल की सेवा अवधि पूरी होने पर ही दिया जाएगा। राज्य के करीब 4 लाख 35 हजार कर्मचारियों में से 2 लाख 50 हजार से ज्यादा कर्मचारी इतनी सेवा अवधि पूर्ण ही नहीं कर पाएंगे। ऐसे में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी शासन की इस घोषणा का लाभ कैसे ले पाएंगे?
इसलिए इनको नहीं मिल पाएगा, लाभ
- जो दैनिक वेतनभोगी रेगुलर हुए, उनकी 5-10 साल की सेवा अवधि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में ही गिनी जाएगी। यह सेवा अवधि में काउंट नहीं होगी।
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जिनको समयमान वेतनमान मिलेगा, उन्हें यह फायदा होगा
- प्रथम श्रेणी,,,, 4500 से रुपए 7000
शासन ने कहा- फार्मूला तैयार, व्यवहारिक दिक्कतें नहीं होंगी
राज्य सरकार के वित्तीय सलाहकार और कर्मचारी आयोग के सचिव अजय चौबे ने बताया कि शासन ने चार स्तरीय समयमान वेतनमान को "1 जुलाई 2023 से यह लागू किया है। 35 वर्ष की सेवा अवधि पर चौथा समयमान वेतनमान दिया जाएगा। रिटायरमेंट की आयु सीमा भी 2 साल बढ़ चुकी है, इसलिए अधिकारियों कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। व्यवहारिक दिक्कत नहीं आएगी, इसके लिए बाकायदा फार्मूला तैयार किया गया है।"
चौथा समयमान वेतनमान मिलने पर कितना लाभ, ऐसे समझें...
कर्मचारी मामलों के जानकार के मुताबिक यदि किसी तृतीय श्रेणी कर्मचारी का ग्रेड पे ₹3200 है। उसे चौथा समयमान वेतनमान मिलेगा तो अगला ग्रेड पे भी बढ़कर ₹3600 मिलेगा। इस पर प्रचलित दर से मिल रहा महंगाई भत्ता (42%) जुड़ेगा। इस तरह ग्रेड पे ₹400, डीए में 168 रु. और वेतन निर्धारण के फिगमेंट फार्मूले के मुताबिक 1732 रुपए वार्षिक वेतनवृद्धि होगी। इस तरह इनके वेतन में ₹2300 की बढ़ोतरी होगी। तय फार्मूले के अनुसार वार्षिक वेतन वृद्धि मूल वेतन की तीन परसेंट बढ़ाई जाती है। इस तरह जिन्हें जितनी सैलरी मिल रही है उन्हें इस तरह फायदा होगा।
शिक्षकों की तकनीकी समस्या अब तक जस की तस
एक अध्यापक शिक्षक संघ ने बताया कि 1998 में नियुक्त हुए शिक्षा कर्मी जो अभी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक हैं उन्हें 2010 में पहला क्रमोन्नत वेतनमान मिला था। दूसरा समयमान वेतनमान 2020 में मिलना था लेकिन अब तक नहीं मिला। 2006 से 2010 तक की नियुक्ति वालों को दूसरा क्रमोन्नत और समयमान वेतनमान नहीं मिला।
समयमान वेतनमान का फॉर्मूला
एक रिटायर्ड अधिकारी के मुताबिक 2006 से पहले प्रदेश के अधिकारियों- कर्मचारियों को क्रमोन्नत वेतनमान दिया जाता था। जिन्हें प्रमोशन नहीं मिल पाता था, उन्हें यह वेतनमान दिया जाता है। 2006 में छठवां वेतनमान लागू हुआ, तब इसे समयमान वेतनमान कर दिया गया। अभी कर्मचारियों को त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान मिलता है। 1 अप्रैल 2006 के बाद 10 साल की सेवा अवधि पूरी करने पर पहला, 20 साल बाद दूसरा और 30 साल में तीसरा समयमान वेतनमान दिया जाता है। अभी सिर्फ डॉक्टर्स के लिए चौथा समयमान वेतनमान लागू था।