संजय गुप्ता, INDORE. नोटबंदी 2.0 के बाद गुलाबी 2,000 के नोटों के एकदम से बाजार में उपयोग में आने से अब दुकानदार परेशान होने लगे हैं। उन्हें डर सता रहा है कि बहुत ज्यादा नोट जमा होने से कल को वह इंकमटैक्स, जीएसटी या अन्य किसी जांच एजेंसी के दायरे में नहीं आ जाएं। इसके चलते अब पेट्रोल पंप संचालकों ने तो बोर्ड लगा दिए हैं। इसमें लिखा है कि- आरबीआई, भारत सरकार के आदेशानुसार 29 सितंबर तक हर दिन केवल पहले पांच ग्राहकों से ही 2 हजार के नोट स्वीकार किए जाएंगे, कृपया सहयोग करें। जबकि आरबीआई, भारत सरकार ने ऐसा कोई आदेश ही नहीं दिया है कि केवल 5 ग्राहकों से दो हजार का नोट लिया जाए। लेकिन इस तरह की सूचना लगाकर ग्राहकों से दो हजार के नोट लेने से बच रहे हैं।
पेट्रोल पंप, होटल-रेस्टोरेंट, ज्वेलरी में सबसे ज्यादा जा रहे नोट-
यह नोट रोजमर्रा के काम में सबसे ज्यादा पेट्रोल पंप में खपाए जा रहे हैं। इसके साथ ही होटल-रेस्टोरेंट में इन नोटों की आवक पहले से 3 गुनी हो चुकी है और दूसरा ग्राहक इन नोटों में ही डील कर रहा है। इसी के साथ सोना खरीदी में यह नोट जमकर खपाए जा रहे हैं। यदि ब्लैक मनी है तो फिर ग्रे मार्केट का सॉलिड गोल्ड खरीदकर इन नोटों को बदला जा रहा है। हालांकि इस गुलाबी नोट के चलते में सोने का चल रहे भाव से अधिक दाम लगाया जाता है, यदि सामान्य 500 के नोट में लेते हैं तो फिर सामान्य रेट पर दिया जाता है। गोल्ड खरीदी में गुलाबी नोट उपयोग करने पर औसतन 5 से 10 फीसदी अधिक रेट लिया जा रहा है।
बड़े लोगों ने नौकरों, कर्मचारियों को लगा दिया नोट बदलवाने में-
इंदौर में नोटबंदी 2.0 के बाद से ही गुलाबी नोट बैंकों में आने का सिलसिला तेज हो गया है। औसतन हर दिन 30 से 40 करोड़ के नोट बैकों में आ रहे हैं। हालांकि इसमें 50-60 फीसदी नोट खातों में जमा होने आ रहे हैं यानी यह नंबर एक में हैं। लेकिन रियल एस्टेट कारोबारियों व कई बड़े दुकानदारों द्वारा जो टैक्स बचाकर धंधा कर रहे हैं, वह हर दिन अपने यहां के कर्मचारियों, नौकरों को अलग-अलग बैंक शाखाओं में भेजकर रोज लाखों रुपए के दो हजार के नोट एक्सचेंज करने में जुटे हुए हैं। लंबा समय मिलने के चलते वह आसानी से यह नोट हर दिन बदलवा रहे हैं।