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RAIPUR. नक्सलियों के पास अब केवल हथियार नहीं रहे, वे अब ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल भी करने लगे हैं। इससे वे सर्चिंग पर निकले जवानों और पुलिस कैंप की रेकी करने का काम करते हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर पुलिस ने नक्सलियों तक कैमरा पहुंचाने वाले 3 सप्लायर को गिरफ्त में लिया। इनके पास से ड्रोन कैमरा समेत अन्य विस्फोटक सामान बरामद किया गया है। तीनों नक्सली सहयोगियों में से 2 तेलंगाना और एक बीजापुर का रहने वाला है।
ऐसे पकड़ाए तीनों नक्सल सहयोगी
जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ से लगे तेलंगाना के भद्रादि कोत्तागुड़म पुलिस को सूचना मिली थी कि बॉर्डर इलाके में कुछ नक्सली सहयोगी नक्सलियों तक विस्फोटक सामान पहुंचाने वाले हैं। मुखबिर की सूचना के बाद पुलिस ने वाहनों की चैकिंग करनी शुरू की। इस कवायद में चारला मंडल देवनगरम के पास पुलिस ने एक वाहन को रुकवाया। वाहन में तीन लोग सवार थे। इनसे पूछताछ करने पर उन्होंने अपना नाम पूनम नागेश्वर (31), देवसुरी मल्लिकार्जुन (40) और उमाशंकर (43) बताया।
जवानों ने तलाशी ली तो इनके पास से जिलेटिन रॉड, डेटोनेटर, एक ड्रोन कैमरा समेत अन्य विस्फोटक सामान बरामद किया गया। पूछताछ में बताया कि यह सामान नक्सलियों ने मंगवाया था। सामान को नक्सलियों के बताए ठिकाने पर छोड़ना था। इससे पहले ही पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। पुलिस ने बताया कि उमाशंकर छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का रहने वाला है। अन्य दो नक्सल सहयोगी तेलंगाना के रहने वाले हैं। तीनों को जेल भेज दिया गया है।
नक्सली कर रहे ड्रोन से रेकी
अब तक नक्सलियों के पास स्मार्टफोन, कंप्यूटर, लैपटॉप प्रिंटर, विदेशी गन्स, टैबलेट समेत अन्य तरह की हाईटेक टेक्नोलॉजी होने की बातें सामने आई थीं। लेकिन, नक्सलियों के पास अब ड्रोन्स भी हैं। इनसे माओवादी पुलिस जवानों पर नजर रखने की कोशिश करते हैं। हालांकि, अब तक छत्तीसगढ़ या तेलंगाना, महाराष्ट्र में जितनी भी मुठभेड़ हुई है और नक्सलियों का सामान पुलिस ने बरामद किया, उनमें ड्रोन कैमरे नहीं मिले। पुलिस की मानें तो नक्सलियों ने हाल-फिलहाल में ही ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल शुरू किया है।