ALIRAJPUR. मप्र के अलीराजपुर के मजदूरों को एक घर को तोड़ने के दौरान मिले सोने के सिक्कों के मामले में खाकी की ईमानदारी की पोल खुल गई है। मजदूर महिला की शिकायत के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। महिला ने जो सिक्का पुलिस को सौंपा है, उसका वजन 7.98 ग्राम है। जिसकी भारत में कीमत 44 हजार रुपए है जबकि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 3 लाख रुपए आंकी गई है। यहां बता दें, सोंडवा थाने के टीआई समेत तीन पुलिसकर्मियों पर 240 सिक्के चुराने का संगीन आरोप है। इस मामले में जांच के बाद निलंबित टीआई और तीनों पुलिसकर्मियों की मुश्किलें बढ़ना तय है।
240 सिक्कों की कीमत 7.20 करोड़
अलीराजपुर के एसपी हंसराज सिंह ने बताया कि आदिवासी महिला द्वारा लाए गए सिक्के की अलीराजपुर लाकर एक ज्वेलर से जांच कराई तो वह सोने का निकला। सिक्के पर जॉर्ज-5 लिखा हुआ है और यह भारत की आजादी से पहले वर्ष 1922 में ब्रिटिश हुकूमत ने जारी किया था। अगर महिला का दावा सही है तो 240 सिक्कों की भारतीय कीमत 1 करोड़ 56 लाख रुपए होती है, जबकि इंटरनेशनल मार्केट में सभी सिक्कों की कीमत 7 करोड़ 20 लाख रुपए आंकी जा रही है। इस सिक्के को आखिरी बार 1922 में ही जारी किया गया था। इनकी टकसाल भी भारत में नहीं थी।
गुजरात के नवसारी में मजदूरी के दौरान मिले थे सिक्के
सोंडवा थाना क्षेत्र के ग्राम बेजड़ा उबला दगड़ा फलिया की रमकुबाई पति बंशी ने बताया था कि गुजरात के नवसारी जिले के बीलीमोरा में मजदूरी के दौरान उन्हें सिक्के मिले थे, जिसे वो अपने साथ गांव ले आए थे। दरअसल, बेलीमोरा में रहने वाले शब्बीर भाई बलियावाला का घर जर्जर होने पर उसे गिराने का ठेका वलसाड़ के सरफराज नाम के एक कबाड़ी को 6 महीने पहले दिया गया था।
उन्होंने बिल्डिंग गिराने के लिए अलीराजपुर के मजदूरों को लगाया। इस घर को तोड़ते समय मजदूरों को 1922 के ऐतिहासिक सोने के सिक्के मिले। मजदूरों ने इस बारे में किसी को नहीं बताया और सिक्के आपस में बांट लिए। इधर, शब्बीर भाई ने कहा कि यह घर उनके दादा-दादी का है। उन्होंने कहा कि मेरे दादा के पास काफी सोना था। बाप-दादा को भी यह पता नहीं था कि सोने को कहां रखा गया है।
'पुलिसवाले घर आए और सिक्के खुदाई कर ले गए'
रमकुबाई ने पुलिस को बताया था कि बुधवार (19 जुलाई) को चार पुलिसकर्मी मेरे घर पहुंचे और मुझे धमकाया। इसके बाद घर में जगह-जगह खुदाई कर सिक्के अपने साथ लेकर चले गए। मुझे जब ठगी का अहसास हुआ, तो मैंने इसकी शिकायत पुलिस को की। ग्रामीणों को जब यह बात पता चली तो उन्होंने थाने का घेराव कर दिया। थाने पर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को एसडीएम प्रियांशी भंवर और एसडीओपी श्रद्धा सोनकर ने शांत कराया। एसडीओपी सोनकर ने बताया कि मामले की जांच के बाद सोंडवा थाने के आरक्षक राकेश डावर सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जांच के बाद तीन आरोपियों को भी नामजद कर लिया जाएगा।