Bhopal. भोपाल के बिलखिरिया थाना पुलिस के खिलाफ गुस्साए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम शुरू कर दिया, देर रात तक चले चक्काजाम के चलते मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने थाना प्रभारी बीपी सिंह, एसआई नवीन कुमार और एक आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया। दरअसल एबीवीपी के महानगर मंत्री राहुल धाकड़ ने आरोप लगाया था कि निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के खिलाफ एफआईआर की मांग करने पर प्रभाकर मिश्रा और कार्यकर्ताओं के साथ टीआई ने मारपीट की। लंबे समय तक चले चक्काजाम के बाद डीआईजी मोनिका शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं की मांग मानते हुए टीआई समेत 3 पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच किया, तब जाकर चक्काजाम खुल पाया।
शॉर्ट अटेंडेंस के नाम पर वसूली का किया था विरोध
एबीवीपी पदाधिकारी राहुल धाकड़ का कहना है कि संगठन के प्रभाकर मिश्रा कॉर्पोरेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड फार्मेसी में छात्रों से शॉर्ट अटेंडेंस के नाम पर मनमानी वसूली की शिकायत पर कॉलेज पहुंचे थे। यहां जब कॉलेज संस्थान के लोगों से मनमानी फीस वसूलने का कारण पूछा गया तो वहां की फैकल्टी और स्टाफ ने शिकायत लेकर पहुंचे फार्मेसी छात्रों के साथ मारपीट कर दी और परीक्षा में नहीं बैठने देने की धमकी थी। इस घटना की शिकायत प्रभाकर ने बिलखिरिया थाने में दी थी।
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टीआई ने नहीं दर्ज की एफआईआर
आरोप है कि थाना प्रभारी बीपी सिंह ने कॉलेज फैकल्टी को बुलाकर उनसे बातचीत की और मामले को रफा-दफा कर दिया। जिसके खिलाफ करीब 20 संगठन कार्यकर्ता थाने पहुंचे और मामले की एफआईआर करने की मांग की। मांग पूरी न होने पर कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। आरोप है कि इस बात से नाराज थाना प्रभारी ने प्रभाकर और करीब 6 कार्यकर्ताओं को थाने के अंदर बुलाया, धरना खत्म करने की धमकी दी और मारपीट शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने धरना दे रहे कार्यकर्ताओं को खदेड़-खदेड़कर पीटना शुरू कर दिया था।
पिटाई के खिलाफ शुरू हो गया चक्काजाम
इस घटना के बाद पूरे भोपाल से एबीवीपी कार्यकर्ता इकट्ठा होकर बिलखिरिया थाने पहुंचे और रायसेन रोड को जाम कर दिया। देर रात तक चले इस जाम को खुलवाने खुद डीआईजी को मौके पर आना पड़ा और कार्यकर्ताओं की मांग पर टीआई समेत 3 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गई। पुलिस कर्मियों को फरियादी के साथ बदसलूकी और मारपीट के आरोप में लाइन अटैच किया गया है।