संजय गुप्ता, INDORE. देश में नए कोविड वेरिएंट के आने के बाद इंदौर में बीच-बीच में पॉजीटिव मरीज सामने आ रहे थे। अब स्वास्थ्य विभाग ने कोविड काल की तरह फिर से कोविड बुलेटिन जारी करना शुरू कर दिया है। नए साल में एक जनवरी को जारी हुए बुलेटिन में बताय गया है कि एक जनवरी को 34 सेंपल की जांच की गई और इसमें तीन सेंपल पॉजीटिव पाए गए, यानि तीन मरीज कोविड के निकले।
जिले में दस एक्टिव मरीज
सोमवार को जारी बुलेटिन में बताया गया कि इंदौर जिले में एक्टिव कोविड मरीजों की संख्या दस है। वहीं दो मरीज ऐसे हैं स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हो गए हैं। वहीं विभाग ने इन मरीजों के सैंपल की जीनोम स्किवेंसिंग की जांच के लिए भोपाल लैब भेजे हैं। पहले भी सेंपल जांच के लिए भेजे थे लेकिन अभी तक उनकी रिपोर्ट सामने नहीं आई है कि कोविड मरीजों में कौना से वैरिएंट है।
दिसंबर में कुल 13 मरीज सामने आए
इंदौर में दिसम्बर में 13 केस मिल चुके हैं। हालांकि इसमें से सभी होम आईसोलेशन में ही रहे और ठीक हुए। अभी जो पॉजीटिव मरीज मिले इसमें एक बिचौली हप्सी निवासी 75 वर्षीय वृद्ध हैं जबकि दूसरा राजेंद्र नगर निवासी 20 वर्षीय युवक है। दोनों ने सर्दी-खासी होने पर एक प्राइवेट हॉस्पिटल में जांच करवाई थी जिसमें पॉजिटिव पाए गए हैं। खास बात यह कि दोनों की ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली है।
मरीज शंका में करा रहे हैं जांच
आईएलआई ब्रांच के इंचार्ज डॉ. अमित मालाकार के मुताबिक सर्दी-खांसी के लक्षण होने पर कई मरीज शंका में जांचें करवा रहे हैं। ऐसे में जांच के पहले डॉक्टरों से परामर्श जरूरी है। इसके चलते सभी स्वास्थ्य केंद्रों (सरकारी हॉस्पिटल, संजीवनी क्लीनिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) पर ओपीडी शुरू की है। इन केंद्रों पर मरीजों के उपचार के साथ डॉक्टरों द्वारा परामर्श भी दिया जा रहा है।
सैंपल कलेक्शन के लिए बने हैं 13 सेंटर
डॉ. मालाकार ने कहा कि सैंपल कलेक्शन (कोरोना) के लिए कुल 13 सेंटर हैं जिनमें एमजीएम मेडिकल कॉलेज, मानपुर, महू, हातोद, देपालपुर, बेटमा व सांवेर हैं। शहरी में जिला अस्पताल, पीसी सेठी, बाणगंगा, मांगीलाल चूरिया, हुकुमचंद पॉलीक्लिनिक व मल्हारगंज सिविल हॉस्पिटल हैं। यहां आरटीपीसीआर की जांच होती है लेकिन डॉक्टर का परामर्श जरूरी है।
सभी वैक्सीनेटेड मरीज, खतरा नहीं
अभी तक जो कोरोना मरीज मिले हैं उन्हें सामान्य सर्दी-खांसी ही है इसलिए उसी की दवाइयां दी जा रही है। इनमें भी अधिकांश वह हैं जिन्होंने प्राइवेट हॉस्पिटल या डॉक्टर को दिखाया था और उन्हीं के परामर्श अनुसार दवाइयां ले रहे हैं। यह सभी वैक्सीनेटेड पाए गए हैं और सामान्य लक्षण (ए सिम्टोमैटिक) सिर्फ मास्क लगाने और एक हफ्ते तक होम आइसोलेट रहने पर ही जोर दिया जा रहा है।