राजस्थान में फिर सामने आए विवादित लाल डायरी के 4 पन्ने, सीएम के बेटे वैभव गहलोत के हवाले से लिखी गई ये बड़ी बातें

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Vikram Jain
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राजस्थान में फिर सामने आए विवादित लाल डायरी के 4 पन्ने, सीएम के बेटे वैभव गहलोत के हवाले से लिखी गई ये बड़ी बातें

JAIPUR. राजस्थान में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के झुंझुनू के उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र के दौरे से एक दिन पहले विवादित लाल डायरी के चार पन्ने सामने आए हैं। इन पन्नों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के हवाले से लिखा गया है कि मैं गारंटी देता हूं कि पापा सरकार रिपीट नहीं कर पाएंगे।

राजस्थान के चुनाव में अब तक लाल डायरी की चर्चा तो हो रही थी लेकिन चुनाव से पहले सामने आए तीन पन्नों के अलावा अब तक कुछ भी सामने नहीं आया था। अब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के दौरे से एक दिन पहले डायरी के चार पन्ने सामने आने से मामला गरमाने के आसार दिख रहे हैं।

लाल डायरी ने फिर मचाई हलचल

बुधवार को उदयपुरवाटी में गहलोत की जनसभा से पहले गुढ़ा ने विवादित लाल डायरी के कुछ अंशों को फिर से सार्वजनिक कर हलचल मचा दी है। डायरी के इन पन्नों में वैभव गहलोत की अपने पिता के साथ नाराजगी सामने आ रही है। राजस्थान की सियासत में चर्चा का विषय बनी लाल डायरी गहलोत सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के पास है। और यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद नजदीकी माने जाने वाले राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर की लिखी हुई बताई जाती है। बता दे बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

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डायरी में वैभव के हवाले से यह बताया गया...

डायरी के एक पन्ने पर वैभव के हवाले से चुनाव में बुरी तरह हारने के जिक्र किया गया। इनमें उन्होंने कारण अपने मुख्यमंत्री पिता को बताया। डायरी के पन्ने के अनुसार-वैभव गहलोत ने राठौड़ को फोन पर कहा- इस बार कांग्रेस सरकार की हार तय में लिखकर दे सकता हूं। उन्होंने कहा- मेरे पिता अशोक गहलोत अधिकारियों से घिर जाते हैं और उन्हें राजनीतिक व्यक्ति बुरा लगने लग जाता है। वैभव ने यह भी बताया कि उनके कहने पर एक स्वीपर का भी ट्रांसफर नहीं होता।

डायरी के एक पन्ने पर राठौड़ के हवाले से यह लिखा बताया गया है कि- वैभव गहलोत का फोन आया कि पापा इसलिए वापस सरकार नहीं बना पाते हैं… हर बार… इस बार भी… मैं इसलिए लिख के दे सकता हूं। सरकार बुरी तरह हारेगी, इसका कारण वे स्वंय हैं। अधिकारियों से ऐसे घिर जाते हैं। उन्हें राजनैतिक व्यक्ति बहुत बुरा लगने लग जाता है। वैभव जी के कहने पर सवाई माधोपुर में एक स्वीपर का भी ट्रांसफर नहीं किया। जिला के अधिकारियों में मेरा बहुत गलत मैसेज गया है। दानिश के सीएम साहब के भारी खिलाफ होते हुए भी उसके कहने पर मेरी बेईज्जती की। तब मैंने वैभव जी द्वारा भेजे व्हाट्सएप मैसेज सीएम साहब के ओएसडी शशिकांत को भेजकर कहा कि सीएम साहब को कहना वैभव जी बहुत नाराज हैं।”

पायलट खेमे के विधायक की खान का भी जिक्र

डायरी में सचिन पायलट खेमें के कांग्रेस विधायक पीआर मीणा की खान चालू करवाने का भी जिक्र किया गया है। इसमें लिखा है- '1:30 बजे पीआर मीणा विधायक का फोन आया। कुंजीलाल मीणा आईएएस को फोन किया परंतु उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कर सकता, फिर पीआर मीणा ने सीएम साहब से मिलने का समय मांगा।' लाल डायरी में धर्मेंद्र राठौड़ ने इसका तीन से चार पॉइंट में सिलसिलेवार जिक्र किया है।

लाल डायरी के पन्नों में लिखा है- 'पीआर मीणा विधायक आए, इनको मैंने कहा कि कुंजीलाल मीणा प्रमुख सचिव आपकी खान मामले में निगेटिव हैं। सो मैंने सीएम के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका को फोन कर बता दिया। सीएम साहब को SMS कर दिया। इससे पहले मैंने कुंजीलाल मीणा IAS, अरिंदम तोमर PCCF वाइल्ड लाइफ से फोन पर लंबी बात की। तोमर साहब का कहना था कि अगर कुंजीलाल मीणा चाहें तो खान चल सकती है, अन्यथा नहीं। दूसरा उनका सुझाव था कि हम सेंचुरी की बाउंड्री आगे खिसकाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज कर मंजूर करवा सकते हैं। इसमें समय लगेगा, लेकिन स्थायी समाधान यही होगा और 40-50 खान मालिकों को इसका फायदा होगा।

लाल डायरी के पन्नों में आगे लिखा है- यह सुनकर पीआर मीणा बोले कि अब तो आप सीएम से कहकर कुंजीलाल मीणा IAS को प्रमुख सचिव खान से हटाकर दूसरी जगह पोस्टिंग करो, तभी ब्यूरोक्रेसी में कड़ा संदेश जाएगा।

खान के मामले में लाल डायरी के पन्नों में आगे लिखा है- विधायक पीआर मीणा की खान चालू करवाने के लिए प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा,खान निदेशक गौरव गोयल, शैलजा देवल, पीसीसीएफ अरिंदम तोमर से खूब लंबी बहस की। लगता है कि कुंजीलाल मीणा, गौरव गोयल दोनों डरे हुए हैं, या यूं कहिए इनका इरादा ठीक नहीं है। कुल मिलाकर बिना सीएम साहब के हस्तक्षेप के यह मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा।

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 एक और पायलट समर्थक विधायक का जिक्र

पायलट समर्थक विधायक जीआर खटाना की खान का भी एक पन्ने में जिक्र मिला है। इसमें लिखा है कि मामला निपटाने की एवज में जीआर खटाना राज्यसभा चुनाव में वोट देने को राजी हो जाएंगे। लाल डायरी के इस पन्ने में लिखा है- ऑफिस में 11:15 बजे पीआर मीणा आए। बोले- मेरी जीआर खटाना से उसकी पत्नी के सामने खुलकर बात हो गई है। खटाना का फॉरेस्ट डायवर्सन खान का मामला है। आप इसे एक-दो दिन में सीएम साहब से बात करके कर दो तो वह 15 तारीख को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को वोट देगा। यह कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग में घोषित कर देगा। मैंने कहा है- मैं सीएम साहब से बात करके बताता हूं।

डायरी में पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजोर का माइनिंग ठेका मेघराज सिंह द्वारा धोखाधड़ी से लेने का आरोप है। गौरतलब है, बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने चलती विधानसभा में लाल डायरी का मुद्दा उठाया था और कहा था कि सीएम के कहने पर वो लाल डायरी आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के घर से लाये थे। भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान के विधानसभा चुनाव में से एक बड़ा मुद्दा बना रखा है और पार्टी के सभी नेता अपने भाषणों में इस लाल डायरी का जिक्र करते हुए राजस्थान में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर हमला करते देखे जा सकते हैं।

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