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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के चर्चित पिनेकल ग्रांड कॉलोनी घोटाले में मास्टरमाइंड आशीष दास, पुष्पेंद्र बडेरा के साथ गिरीश वाधवानी पर लसूडिया पुलिस ने चार सौ बीसी का केस दर्ज किया है। इन पर पहले से ही कई केस जमीन धोखाधड़ी के दर्ज है और यह पूरा घोटाला करीब 500 करोड़ का बताया जाता है। इसमें पीड़ितों को प्लाट बेचने के नाम पर राशि अलग-अलग फर्म, कंपनियों में ली गई और रजिस्ट्री अन्य कंपनी के नाम से करने की बात कही गई। अधिकांश राशि नकद, डायरियों में ली गई। आरोपियों ने तीन प्रोजेक्ट पिनेकल ड्रीम्स (निपानिया) पिनेकल ग्रैंड (बायपास) और पिनेकल डिजाइर (सुपर कोरिडोर) पर विकसित किए लेकिन तीनों ही विवादित हो गए।
इन धाराओं में हुआ केस
फरियादी विशाल मित्तल ने शिकायत की है कि दास, बडेरा, वाधवान ने पिनेकल ग्रांड क़ॉलोनी निपानिया में जमीन बेचने के लिए विश्व स्तरीय कॉलोनी का विश्वास दिलाया, रुपए लिए, यहां तक बडेरा ने अलॉटमेंट लेटर भी दिया, डायरी पर हस्ताक्षर किए लेकिन छल किया। नकद राशि ली लेकिन प्लाट नहीं दिया। लसूडिया पुलिस ने धारा 420, 406 औऱ् 34 के तहत केस पंजीबद्ध किया है।
ऐक जैसे नामों की फर्म, कंपनियां बनकर 500 करोड़ का किया खेल
दास और बडेरा का यह पूरा खेल 500 करोड़ के करीब का आंका जाता है। इसमें निपानिया में तीन अलग-अलग नाम से प्रोजेक्ट लांच किए जो फेल हो गए। पीडितों के निराकरण के नाम पर जमानत भी आरोपियों को मिली
लेकिन बाद में नए केस और हो गए। इन्होंने दो कंपनियां और चार फर्म बनाई, जो मिलते-जुलते नाम की थी।
1- कंपनी जेएसएम देवकान प्रालि- इसमें दास और बडेरा डायरेक्टर थे
2- कंपनी जेएसएम देवकान इंडिया प्रालि, इसमें वीरेंद्र शर्मा, कपिल अग्रवाल के साथ बडेरा, दास डायरेक्टर थे।
3- फर्म मेसर्स श्री जेएसएम देवकॉन पूर्व नाम सिमन कंस्ट्रक्शन- इसमें संदीप अग्रवाल उर्फ तेल, संदीप गुप्ता व राजेश मोटलानी डायरेक्टर थे, अभी हरप्रीत सिंह टूटेजा व गुरनाम सिंह धालीवाल है
4- फर्म मेसर्स श्री जेएसएम देवकॉन इंडिया पूर्व नाम सिमन कंस्ट्रक्शन- इसमें संदीप अग्रवाल, संदीप गुप्ता व राजेश मोटलानी डायरेक्टर थे, अभी टूटेजा व धालीवाल है
5- फर्म मेसर्स जेएसएम देवकॉन- इसमें दास व गिरीश वाधवानी डायरेक्टर
6- फर्म मेसर्स जेएसएम देवकॉन इंडिया- इसमें दास व गिरीश वाधवानी डायरेक्टर
इस तरह कर दिया खेल, पर्दे के पीछे बॉबी का भी आया नाम-
दास और बढेरा ने निपानिया में सर्वे नंबर र 260/1, 261/1, 261/2, 264/1 की करीब नौ हैक्टेयर जमीन का सौदा किया। यह जमीन नीना अग्रवाल, रितु अग्रवाल और आम मुख्तायर संजय अग्रवाल की थी। जमीन की सभी मंजूरी नीना व रितू अग्रवाल के नाम पर है। डेवलपर्स आशीस दास था। मास्टमाइंड दास और बडेरा थे। रजिस्ट्री संजय अग्रवाल द्वारा कराई गई। आरोप है कि बडेरा और दास ने इसमें ग्राहकों से प्लाट के सौदे अलग फर्म, कंपनियों के नाम से किए और राशि अलग फर्म, कंपनियों के नाम से ली। वहीं संजय अग्रवाल से जमीन अलग फर्म, कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड कराई। अग्रवाल का आरोप है कि बडेरा, दास ने उन जमीनों को भी बेच डाला जिसका सौदा उनसे हुआ ही नहीं था।
पर्दे के पीछे बॉबी छाबड़ा का भी नाम, एक प्रोजेक्ट में दीपक कालरा भी शामिल
अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर की कोर्ट में भी 19 शिकायतों को लेकर केस चला था, इसमें गिरीश वाधवानी ने बयान में कहा था कि संजय अग्रवाल और बॉबी छाबड़ा का आपस में झगड़ा था और बॉबी इसमें ऑफ द रिकार्ड काम कर रहा था। वहीं गुरनाम सिंह धालीवाल ने बताया कि हमें यह संदीप अग्रवाल उर्फ तेल (जिसकी गोली मारकर हत्या हुई थी) व राजेश मोटलानी से यह फर्म ट्रांसफर हुई। एक प्रोजेक्ट में दीपक कालरा भी पार्टनर रहे। उन्होंने भी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में भी केस दर्ज करवाया था।
बॉलीवुड एक्टर रितिक रोशन को भी ठगा था
दास और बडेरा ने इस मामले में बॉलीवुड के एक्टर को भी नहीं छोड़ा था, दास ने रितिक रोशन को ही 9.54 करोड़ की चपत लगा थी थी। दास व बडेरा के खिलाफ विजय नगर, लसूड़िया में आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए। आशीष दास मुंबई में रहता था। वह फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ें कई अभिनेता, अभिनेत्रियों के टैक्स रिटर्न संबंधित कार्य करता था। उसने संपर्कों का फायदा उठाया और करोड़ों रुपये निवेश का झांसा देकर ले लिए।