AMBIKAPUR. प्रतापपुर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। दरअसल, जगन्नाथपुर मिशन स्कूल हॉस्टल में 45 बच्चों का दो दिन तक खाना-पीना सब बंद कर दिया गया, वो भी मामूली गलती के लिए ऐसी सजा दी गई है। हालांकि यह मामला बाद में खुला। जानकारी के अनुसार 28 अगस्त को हॉस्टल परिसर में खेल रहे बच्चों से फुटबाल फूट गया। इससे वहां के फादर इतना नाराज हुए कि हॉस्टल के सभी 45 बच्चों का दो दिन तक खाना-पीना बंद कर दिया। भूखे बच्चे हॉस्टल के बाहर दुकान से चॉकलेट-बिस्किट खरीदकर खाने लगे, तब मामला खुला।
इस दौरान बच्चों ने लोगों को बताया कि फुटबॉल फूट गया था, इसलिए फादर ने खाना बंद कर दिया है। इसके बाद लोगों ने बच्चों को बिस्किट दिए। इस मामले का ऑडियो-वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया। बीईओ और थानेदार ने हॉस्टल में जांच करने के बाद बताया कि बच्चे वास्तव में दो दिन से भूखे हैं। भास्कर ने फादर पीटर सेदोम से संपर्क करने की कोशिश की तो वो स्कूल में नहीं मिले, फोन भी बंद है। इस बीच, एक निजी संगठन के व्यक्ति से फादर के बातचीत का एक और वीडियो वायरल हो गया, जिसमें फादर कहते सुनाई दे रहे हैं कि बच्चों ने फुटबॉल फोड़ा था, इसीलिए खाना बंद किया है।
जांच में बच्चों को खाना नहीं मिलने की बात सही: बीईओ
इससे नाराज लोग हॉस्टल पहुंचने लगे। मामला गंभीर होता जानकारी कलेक्टर सूरजपुर सहित शिक्षा विभाग को दी गई। तब बीईओ और थानेदार फोर्स लेकर हॉस्टल पहुंचे। जांच में खाना नहीं देने का मामला सही पाया गया। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही दलों के पदाधिकारियों ने फादर पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर दी है। जांच के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एस ध्रुव ने बताया कि हॉस्टल में बच्चों को दो दिन से खाना नहीं देने की बात सही पाई गई है। घटना का ब्योरा आला अफसरों को भेज रहे हैं, ताकि कार्रवाई हो सके।