RAIPUR. चुनाव आते ही अब असंतोष कर्मचारियों का धरना के साथ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। इसी क्रम में आज (3 जुलाई) से छत्तीसगढ़ के 45000 संविदाकर्मी हड़ताल पर हैं। दरअसल इन कर्मचारियों का कांग्रेस सरकार को लेकर है, क्योंकि सरकार ने नियमितीकरण का वादा पूरा नहीं किया। छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले हो रहे इस आंदोलन में स्वास्थ्य, मनरेगा, पंचायत, कृषि, शिक्षा, महिला और बाल विकास विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आदि विभागों के संविदा कर्मचारी आंदोलन पर रहेंगे।
5 दिनों तक कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे
जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में 3 जुलाई से 7 जुलाई तक 5 दिनों तक कर्मचारी अपने अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 7 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों में एक रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। रैली में सभी कर्मचारी काले कपड़े पहनकर प्रदेश के सभी शहरों से निकलेंगे। कर्मचारियों ने यह भी तय किया है कि अगर बारिश हुई तो छाता भी काले रंग का ही इस्तेमाल करते हुए विरोध प्रदर्शन जारी रखा जाएगा। 8 और 9 जुलाई को कर्मचारी अपने आगे की रणनीति के लिए एक बैठक करेंगे। इसके बाद 10 जुलाई से होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी जारी दी जाएगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने 16 मई को जांजगीर-चांपा कि शिवरीनारायण से संविदा नियमितीकरण रथ यात्रा निकाली थी। यह रथयात्रा 33 जिलों से गुजरी। सभी जिला कलेक्टरों और 90 विधानसभा इलाकों में 90 विधायकों से मिलकर कर्मचारी उन्हें अपनी समस्या बताते रहे। मगर एक ने इनकी नहीं सुनी। कर्मचारियों का आरोप है कि 90 विधायकों को ज्ञापन सौंपने के बाद भी संवेदनहीनता की स्थिति बनी जिसकी वजह से अब अनिश्चितकालीन हड़ताल करनी पड़ रही है।
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इन मांगों को लेकर हड़ताल पर संविदा कर्मी
संविदा कर्मचारियों की मांग है कि इन्हें स्थाई किया जाए, नौकरी की सुरक्षा 62 साल की उम्र तक दी जाए, वरिष्ठता का लाभ, वेतन, ग्रेच्युटी, क्रमोन्नति-पदोन्नति, सामाजिक सुरक्षा, अनुकंपा नियुक्ति, बुढ़ापे का सहारा पेंशन जैसी मूलभूत सुविधाएं दी जाएं।