BHOPAL. बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र ने पूरे मध्यप्रदेश को प्रभावित कर दिया है। सितंबर के महीने में अब तक 5.6 इंच बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। पूर्वी मध्यप्रदेश से शुरु हुआ बारिश का दौर अब पश्चिमी मध्यप्रदेश में प्रभावी है। नदियां और नाले उफान पर बह रहे हैं और प्रदेश के छोटे-बड़े सभी डैम के गेट खोलना पड़े हैं। यही हाल आज भी रहने वाले हैं। मौसम विभाग ने इंदौर, देवास, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, धार और अलीराजपुर समेत झाबुआ में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। अनुमान है कि 24 घंटे में इन जिलों में 8 इंच तक बारिश हो सकती है। इस अलर्ट के चलते इंदौर, बैतूल, नर्मदापुरम और हरदा में आज स्कूलों को बंद रखा गया है।
औसत बारिश 32 इंच के करीब
मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो प्रदेश में अब तक औसत 31.72 बारिश दर्ज की गई है। सितंबर के महीने में 6 इंच बारिश सामान्य मानी जाती है। जो कि 15 दिन में ही हो चुकी है। 15 सितंबर तक प्रदेश में 5.6 इंच बारिश हो चुकी है। माना जा रहा है कि शनिवार को बारिश का आंकड़ा सामान्य से ऊपर चला जाएगा। वहीं अभी 25 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है, जिससे प्रदेश में सूखे के हालात की नौबत नहीं आएगी।
मौसम विज्ञानियों का यह है अनुमान
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वेदप्रकाश सिंह बताते हैं कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी और ओडिशा तट के पास कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। मानसून टर्फ लाइन भी मप्र से गुजर रही है। जिसके कारण प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है। यह क्रम 25 सितंबर तक जारी रह सकता है, क्योंकि हालिया सिस्टम 18 सितंबर तक प्रभावी रहेगा उसके बाद एक और सिस्टम तैयार हो रहा है।
यहां इतने बरसे बादल
शुक्रवार की बात की जाए तो मप्र के 21 जिलों में बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश नर्मदापुरम में दर्ज की गई, पहाड़ों की रानी पचमढ़ी में 24 घंटे में 5.7 इंच बारिश दर्ज की गई जबकि नर्मदापुरम शहर में 3.4 इंच बारिश हुई। इसी तरह बैतूल में 3.5 इंच, सिवनी में 2.5 इंच, भोपाल में 1.8 इंच बारिश दर्ज की गई। नरसिंहपुर में भी 1.5 इंच पानी गिरा है।
छोटे बड़े डैम खोले गए
नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से जबलपुर स्थित बरगी डैम के 13 गेट खोले गए हैं। तवा डेम के सभी 13 गेट 20 फीट तक खोले जा चुके हैं। सिवनी के संजय सरोवर बांध के 5 गेट खोले गए। बैतूल के सतपुड़ा डैम के भी गेट खोलना पड़े हैं। जिसके चलते प्रदेश की समस्त नदियां उफान पर हैं।