पवन सिलावट, RAISEN. 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। राम मंदिर कई कारसेवकों का सपना था, जो आज साकार हो गया है। 1992 में जब विवादित ढांचा गिराया था, तब रायसेन के उदयपुरा से भी 5 कारसेवक गए थे।
कुदाली और फावड़ा लेकर गए थे अयोध्या
कारसेवक बताते हैं कि विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता विवादित ढांचे पर चढ़ गए और कुदाली से खोदना शुरू किया। 4 घंटे की खुदाई के बाद ढांचे के साथ नीचे गिर गए। वे चोटिल हुए। उनके पैर में चोट के निशान हैं।
कई कारसेवकों की हुई गिरफ्तारी
अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने के लिए 1990 में रामभक्त कार सेवक पहुंचे, लेकिन तत्कालीन सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 1992 में रायसेन जके उदयपुरा के रामभक्त विवादित ढांचे पर कुदाली और फावड़े लेकर चढ़ गए और तीनों गुम्बजों को धराशायी कर दिया। विवादित ढांचा विध्वंस के बाद कुछ लोगों को जेल भी जाना पड़ा।
उदयपुरा के कारसेवक
उदयपुरा के राकेश दीक्षित ने विवादित ढांचे को खोदा था। मनोज कुमार उर्फ टॉमी महाराज 1992 में कारसेवक थे। वे रामलीला में हनुमान जी का किरदार निभाते हैं। कारसेवक राजेश कटारे विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद जेल गए थे। लक्ष्मीनारायण सेन भी कारसेवक रहे।
आज सपना हुआ साकार
रामकाज के लिए 18 साल से ज्यादा की उम्र में विवादित ढांचे को गिराने वाले कारसेवक आज बेहद उत्साहित हैं। आज राम मंदिर निर्माण के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। कई कारसेवकों और रामभक्तों का सपना साकार हो गया।