Raipur. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने कांग्रेस सरकार से सवाल पूछे हैं। बीजेपी ने स्वास्थ्य से जुड़े मसलों को लेकर 6 सवाल पूछते हुए भूपेश सरकार को घेरा है। बीजेपी का कहना है कि छत्तीसगढ़ में सरकार ने एक बार फिर से अपने अयोग्य होने का उदाहरण दे दिया है। बीजेपी नेता अमित चिमनानी का कहना है कि कांग्रेस ने सारे वादे तोडे, न हवाई एंबुलेंस चली, न अस्पताल बने , न 20 लाख का मुफ्त इलाज मिला, न कोरोना भत्ता मिला ,न स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित किया, न वेतन विसंगति दूर की है।
बीजेपी ने पूछे 6 सवाल
1. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की खास मौजूदगी में प्रदेश सरकार ने जिस सर्वजन स्वास्थ्य योजना (युनिवर्सल हेल्थ केयर स्कीम) लागू की गई थी, वह प्रदेश में कहीं भी नजर क्यों नहीं आ रही है? प्रदेश सरकार यह भी बताए कि इस योजना के तहत कितने लोगों को जाँच की सुविधा और दवाइयाँ नि:शुल्क प्रदान की गईं?
2. गंभीर बीमारियों के लिए प्रदेश में कितने उच्चतम श्रेणी के डॉक्टर्स नियुक्त किए गए? प्रदेश में आधुनिक चिकित्सा सुविधा से युक्त कितने अस्पताल बनाए गए हैं?
3. कांग्रेस ने वादा किया था कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त डॉक्टर्स, नर्स तथा स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती की जाएगी। पूरा कार्यकाल बीतने को है, प्रदेश सरकार बताए कि प्रदेश के अमूमन सभी प्राथिमक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर्स, नर्स, स्वास्थ्यकर्मियों, दवाइयों व चिकित्सा उपकरणों के संकट से क्यों जूझ रहे हैं?
4. कांग्रेस ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के नजदीक ही कार्यरत स्टाफ के लिए आवास बनाने का वादा भी किया था ताकि आपात परिस्थिति में मरीजों को तुरंत इलाज मिल सके। प्रदेश सरकार बताए कि ऐसे कितने आवास बनाकर दिए गए हैं? (यहाँ तो केंद्र सरकार से पैसा मिलने के बाद भी प्रदेश सरकार ने गरीबों का प्रधानमंत्री आवास तक रोक दिया है!)
5. प्रदेश सरकार बताए कि 6 मेडिकल कॉलेजों को मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में बदलने के वादे पर क्या काम हुआ?
6. बस्तर, सरगुजा तथा सुपेबेड़ा व अन्य दुर्गम क्षेत्रों में हवाई एम्बुलेंस सेवा प्रदान करने के वादे पर सरकार ने क्या काम किया?
सरकार ने अयोग्य होने का उदाहरण दिया- अमित
रायपुर के बीजेपी कार्यालय में मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों की वेतन विसंगति सुधारे जाने, मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कोविड कार्य में लगे अमले को विशेष कोरोना भत्ता दिए जाने और रिक्त पदों पर भर्ती जैसे मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के 40 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी आंदोलनरत हैं। इस आंदोलन में 12 संगठन के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं. इससे पोस्टमार्टम, एमएलसी, नर्सिंग सहित टीकाकरण के प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम मिशन इन्द्रधनुष और शिशु संरक्षण जैसे कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कांग्रेस की इस अकर्मण्य सरकार ने एक बार फिर अपने अयोग्य होने का उदाहरण देते हुए स्वास्थकर्मियों को अपनी मांगे पूरी करवाने और अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है। छलिया कांग्रेस सरकार ने अपने जनघोषणापत्र में किए वादों को पूरा ना कर स्वास्थकर्मियों के आक्रोश को निमंत्रण दिया है, जिसका खामियाजा मासूम जनता को उठाना पड़ रहा है।